माघ मेले में आई खाना बनाने की आधुनिक मशीनें, मशीन एक बार में निकालती है 10 हज़ार पूड़ी

REPORT:-SYED RAZA/PRAYAGRAJ

प्रयागराज में लगे सबसे धार्मिक मेले में संगम  तट पर हर रोज लाखों की संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने आ रहे हैं। हालांकि 43 दिनों के इस मेले में 6 मुख्य स्नान पर्व है. जिसमें लाखों श्रद्धालु स्नान पर्व के दौरान स्नान के लिए संगम तट पर आते हैं, लेकिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु ऐसे भी हैं जो मुख्य स्नान पर्व पर नहीं आ पाते तो पूरे 43 दिन तक ऐसे श्रद्धालु संगम तट पर देश विदेश के कोने कोने से आते है।

अनोखी मशीन

ऐसे में भारी संख्या में आये श्रद्धालुओं  के भोजन की व्यवस्था भी कई संसथा करती दिखाई देती है । लेकिन श्रद्धालुओं के लिए संगम नोज पर बने नृत्य गोपाल दास महाराज के  विशाल शिविर में आधुनिक मशीनों से श्रद्धालुओं के लिए खाना बनाया जाता है। कोयंबटूर और दिल्ली से आई मशीनें बेहद कम समय में एक बार में 50000 से ज्यादा लोगो का खाना बना रही हैं. कोयंबटूर से आई पूड़ी बनाने वाली मशीन एक बार में 10000 पूरियां निकालती हैं.

माघ मेले में आई अनोखी मशीनें-

इसके साथ ही एक बार में एक हजार रोटियां निकालने वाली मशीन और एक बार में 500 इडली और डोसा निकालने वाली मशीन भी यहाँ स्थापित है। आयोजक महंत राम गोपाल दास महाराज का कहना है कि संगम नोज पर ही सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ती है.

ऐसे में दूरदराज से आए श्रद्धालु जब गंगा स्नान करते हैं तो उनको भूख लगती है और इसी उद्देश्य से की इतनी भारी संख्या में श्रद्धालुओं को एक साथ कैसे खाना खिलाया जाए तो उसके लिए यह मशीन लगाई गई है कि ताकि कोई भी श्रद्धालु भूखा ना रहे। यह मशीनें पूरे 43 दिनों तक इस शिविर में स्थापित रहेंगी और दूरदराज से आए श्रद्धालुओं का पेट भरने काम करेगी।

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इन मशीनों को लगाने का मुख्य कारण यह भी था कि इतनी भारी संख्या में जब श्रद्धालु आएंगे तो मैनपावर की भी जरूरत रहेगी ऐसे में ठंड का मौसम है और मैआटा मेंंदा गूदने में या रोटी बनाने में काफी समय लगेगा तो इन मशीन के माध्यम से भोजन जल्द जल्द बन जाएगा और काम भी आसान हो जाएगा उधर श्रद्धालुओं का कहना है कि मशीनों द्वारा बना हुआ भोजन बेहद स्वादिष्ट है और वह सभी साधु संतों का धन्यवाद व्यक्त कर रहे हैं.

यह बेहद पुण्य का काम है जो उनको मिल रहा है क्योंकि किसी भूखे का पेट भरना सबसे बड़ा पुण्य है। आधुनिक मशीनों और शिविर का जायज़ा लिया हमारे संवाददाता सैय्यद आकिब रज़ा ने

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