महाराष्ट्र में सरकार बनने के फैसले को SC लेकर गए शिवसेना, NCP और कांग्रेस

शनिवार को सुबह महाराष्ट्र में भाजपा ने सरकार बना कर साबित कर दिया कि रातोंरात किस्मत बदल सकती है. इस बात को विपक्ष अबतक हजम नहीं कर पा रहा है. और इसी फैसले को लेकर अपना पक्ष रखने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने। आज यानि रविवार सुबह 11.30 बजे तीनों दलों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.

SC

 अपनी याचिका में इन तीनों दलों ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा देवेंद्र फडणवीस को शपथ दिलाने के निर्णय को रद्द करने की मांग की है। साथ ही याचिका में जल्द से जल्द विधानसभा में बहुमत हासिल करने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में राज्यपाल के फैसले को मनमाना और असंवैधानिक बताया गया है। साथ ही इसमें कहा गया हे कि उनके गठबंधन के पास 154 विधायकों का समर्थन है। तीनों दलों द्वारा संयुक्त रूप से दायर इस याचिका में राज्यपाल के इस निर्णय को मनमाना और असंवैधानिक बताया है। याचिका में तीन दलों के इस गठबंधन ने कहा कि उनके पास 144 से अधिक विधायक हैं और शुक्रवार को इन तीनों दलों के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार किया गया था और शुक्रवार को शाम सात बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की गई कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री होंगे और वह राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।

याचिका में कहा गया कि राज्य में गैर भाजपा सरकार बनने की संभावना देखते हुए शुक्रवार आधी रात के बाद भाजपा ने अपने राजनीति तंत्र का बेजा इस्तेमाल कर आनन-फानन में फडवणीस को सरकार बनाने का रास्ता प्रशस्त किया। याचिका में कहा गया कि शुक्रवार को रात को राज्यपाल का राज्यपाल महाधिवेशन में जाना प्रस्तावित था लेकिन राज्यपाल कोश्यारी ने इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया। अब तक यह सार्वजनिक नहीं हो पाया है कि आखिर शुक्रवार आधी रात के बाद फडणवीस ने सरकार बनाने का दावा कैसे ठोका।

पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले चार विधायको को बसपा ने दिखाया बाहर का रास्ता

साथ ही यह भी सार्वजनिक नहीं किया गया है कि फडणवीस ने 144 विधायकों के समर्थन का दावा कैसे किया। याचिका में तीनों दलों ने दावा किया कि अजित पवार को छोड़ उनके सभी विधायक उनके साथ हैं। शनिवार सुबह 5.47 बजे अधिसूचना जारी कर राज्य में लगे राष्ट्रपति शासन को खत्म किया गया और इसके करीब ढाई घंटे बाद राजभवन में फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। यह समझ से परे है कि आखिर आनन-फानन ने यह सब क्यों किया गया।

याचिका में कहा गया है कि इस पूरे मामले में राज्यपाल ने पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की है। यह दर्शाता है कि वह केंद्र में काबिज सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं। राज्यपाल ने अपने संवैधानिक पद का दुरुपयोग किया है। याचिका में गृह मंत्रालय, महाराष्ट्र सरकार, फडणवीस और अजित पवार को प्रतिवादी बनाया गया है।

शरद पवार की बैठक में पहुंचे 49 विधायक

भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने अजित पवार को तगड़ा झटका लगा है। उनके करीबी नौ विधायक फिर से एनसीपी प्रमुख शरद पवार के खेमे में लौट आए हैं। शरद की अध्यक्षता में शनिवार देर शाम हुई बैठक में 54 में से 49 विधायकों के शामिल होने की बात कही जा रही है। ऐसे में अजित के साथ मात्र चार विधायक ही बचते हैं। ऐसे में उन पर दलबदल कानून के तहत अयोग्य ठहराने की तलवार लटकने लगी है।

बारामती में लगा शरद पवार के समर्थन वाला होर्डिंग

महाराष्ट्र में एनसीपी नेता अजित पवार के भाजपा से हाथ मिलाने के बाद शनिवार को शरद पवार के समर्थन में बारामती में एक विशाल होर्डिंग लगाई गई। अजित पवार बारामती से ही विधायक हैं, उन्होंने बड़े अंतर से भाजपा उम्मीदवार को हराया था। इस होर्डिंग में बारामती नगर पालिका परिषद की इमारत के पास शरद पवार की फोटो लगी है और बड़े बड़े अक्षरों में लिखा है, हम 80 वर्षीय फाइटर के साथ हैं। हालांकि कुछ ही देर बाद अधिकारियों ने इस होर्डिंग को यह कहते हुए हटवा दिया कि इसके लिए अनुमति नहीं ली गई थी।

अजीत को मनाने की कोशिशें

इस बीच एनसीपी के दो सांसद अजीत को मनाने के लिए भी गए लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। कहा जा रहा है कि शरद ने अजीत को इस्तीफा देकर वापस आने को कहा है। इस बीच अजीत खेमे के नौ विधायकों को चार्टर्ड विमान से गुजरात भेजा गया है।
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कांग्रेस विधायकों को जयपुर ले जाने की तैयारी

एनसीपी नेता अजित पवार के भाजपा को समर्थन के बाद अब कांग्रेस अपने विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए रविवार को जयपुर ले जाने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने बताया कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने तक उन्हें जयपुर भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी कांग्रेसी विधायक साथ हैं और वे टूटेंगे नहीं। उन्होंने शनिवार को प्रदेश के इतिहास का काला दिन बताया।

कुछ इस तरह पलटी बाजी

शुक्रवार रात 8.30 बजे : देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और 173 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया।
शुक्रवार रात 11.45 बजे : एनसीपी विधायक दल के नेता अजित पवार राज्यपाल के पास एनसीपी के 54 विधायकों की हस्ताक्षर सहित सूची लेकर पहुंचे और भाजपा को समर्थन देने का पत्र सौंपा।
शुक्रवार रात 12 बजे : राज्यपाल कोश्यारी ने केंद्र को राज्य में गठबंधन सरकार बनने के हालात और राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश भेजी।
शनिवार सुबह 5.47 बजे : राज्य में लागू राष्ट्रपति शासन हटाया गया।
शनिवार सुबह 6.00 बजे : राज्यपाल ने देवेंद्र फडणवीस को शपथ दिलाने का फैसला किया।
शनिवार सुबह 6.45 बजे : फडणवीस ने राज्यपाल से निवेदन किया कि वह मुख्यमंत्री और अजित उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
शनिवार सुबह 7.30 बजे : राज्यपाल ने फडणवीस को सीएम और अजित को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कराई।
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