महंत नरेंद्र गिरी: उद्धव ठाकरे मामले में चंपत राय के बयान को बताया अहंकारी, दी ये नसीहत

लखनऊ। कंगना रनौत और उद्धव सरकार के बीच चल रहे विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है इस विवाद की का आसर अब यूपी के अयोध्या तक पहुंच चुका है । मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के विरोध को लेकर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय और अयोध्या के संतों के बीच तलवारें खिंच गई हैं। हनमानगढ़ी के महंत राजू दास और चंपत राय आमने-सामने हैं। चंपत राय के विवादित बयान पर अब संत समाज की तीखी प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने चंपत राय के बयान की घोर निंदा की है।

मंगलवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए महंत नरेंद्र गिरी ने कहा, इस बयान से प्रतीत होता है कि चंपत राय को अहंकार हो गया है। चंपत राय को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए था। चंपत राय विश्व हिंदू परिषद के पुराने नेता हैं और उनका एक कद भी है। अगर किसी संत ने कोई बयान दिया था तो उसके जवाब में उन्हें ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था।

महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, अहंकार भगवान का भोग होता है। अहंकारी व्यक्ति बहुत दिन तक नहीं चल पाता। चंपत राय ने हमेशा संत महात्माओं का सम्मान किया है। आगे भी करते रहे तो अच्छा है, बाकी उनकी इच्छा पर निर्भर है। महंत ने कहा कि मैं संत-महात्माओं से अपील करता हूं कि वह ऐसे बयान न दें।

महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने आवेश में आकर गलत बयान दे दिया था। क्योंकि महाराष्ट्र के पाल घर में दो संतों की हत्या के मामले में कार्रवाई न होने से देश का संत समाज सीएम उद्धव ठाकरे से नाराज है। महंत ने बताया कि कुछ महीनों पूर्व महाराष्ट्र पालघर में जूना अखाड़ा के दो साधुओं और उनके ड्राइवर की नृशंस हत्या कर दी गयी थी।

इस हत्याकांड पर महाराष्ट्र सरकार ने अब तक ठोस कार्रवाई नहीं की। इसी आवेश में आकर हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने बयान दिया था। महंत नरेन्द्र गिरि ने कहा, किसी भी व्यक्ति का मंदिर में दर्शन करने जाने का पूरा अधिकार है। किसी व्यक्ति या सनातन धर्मी को मंदिर जाने से नहीं रोका जा सकता।

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