मसूरी में 250 साल पूरानी पेंटिंग को संरक्षित करने की आखिर क्यों उठी  मांग? 

रिपोर्ट – सुनील सोनकर

मसूरी। मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने बताया कि उनको पास 250 साल पुरानी हाथ से बनी पेंटिंग मौजूद है जिसमें अंग्रेजों द्वारा उत्तराखंड के कई धार्मिक और खूबसूरत स्थलों के साथ प्राकृतिक सौंदर्य को अपने कैनवास में उतारा है। जो अपने आप में बहुत खूबसूरत है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड के महत्वपूर्ण स्थलों पर इनको प्रदर्शित करना चाहिए जिससे देश विदेश से उत्तराखंड आने वाले लोगों को उत्तराखंड का 250 साल पुराना स्वरूप देखने को मिल सके।

उन्होंने कहा कि 2022 में महाकुंभ आयोजित किया जाना है। और व चहाते है कि इन पेंटिग को कुंभ के विशेष स्थानों पर प्रदर्शित किया जाए। उन्होंने सरकार से भी मांग की है कि उनके पास 250 साल रखे इतिहास और महत्वपूर्ण दस्तावेज को सरकार मसूरी में एक संग्रालय बनाकर संरक्षित किया जा सके।

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गोपाल भारद्वाज ने बताया कि फोटोग्राफी का आविष्कार 1840 को फ्रांस में हुआ था व उसके 10 से 15 साल के दौरान ही अग्रेजों द्वारा मसूरी में कैमरा लाया गया था। अंग्रेजों द्वारा 1855 से मसूरी ओर उत्तराखण्ड के कई धार्मिक और खूबसूरत स्थलों को पेंटिंग उनके पास आज भी मौजूद है।

उन्होने बताया कि अग्रेजों द्वारा मसूरी और उत्तराखण्ड घूमने आते हुए बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, हरिद्वार, कनखल मानसरोवर के खूबसूरत नजारे को अपनी पेंटिग के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। उन्होने बताया कि उत्तराखण्ड और मसूरी के कई महत्वपूर्ण पेंटिग इंग्लैंड ब्रिटिश लाइब्रेरी में संग्रहित किया गया है जहां से उनके द्वारा कई महत्वपूर्ण मंगवाई है।

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