मरुस्थल में भी कूट-कूट कर भरी है खूबसूरती, देखें तस्वीरें

राजस्थान भूमि को एक अलग पहचान देता है यहां दूर-दूर तक फैला थार मरुस्थल । यह रेतिला क्षेत्र कई ऐतिहासिक लड़ाईयों का साक्षी रहा है। जीवन को सून्य स्थित पर पहुंचा देने वाली यहां की गर्म जलवायु राजस्थान का एक बड़ा सुरक्षा कवच भी मानी जाती है, जो दुश्मनों की शारीरिक क्षमताओं पर काफी हद तक प्रहार करने का काम करती है।

मरुस्थल

‘खिमसर’ इसी मरूस्थल से घिरा हुआ राजस्थान का एक ऐतिहासिक स्थल है, जहां से आप दूर-दूर तक फैले थार क्षेत्र को देख सकते हैं। इसे दूर से देखने से ऐसा लगता है मानों यह नगर सुनहरी रेत के साए में सांस ले रहा हो। यहां बने रेत के टिब्बे शाम के वक्त बैठ कर आराम फरमाने के लिए काफी खास हैं। इसके अलावा यहां और भी बहुत से दर्शनीय स्थल हैं, जो मरुस्थल में जान डालने का काम करते हैं।
खिमसार का किला
खिमसार भ्रमण की शुरूआत आप यहां के ऐतिहासिक किले खिमसार फोर्ट से कर सकते हैं। इस विशाल संरचना का निर्माण आक्रमणकारियों से सुरक्षा के उद्देश्य से करवाया गया था। यह किला राजपरिवार का निवास स्थान था। इस बड़े किले में जनाना और मर्दानों दोनों के लिए अलग-अलग कक्ष मौजूद थे। जनाना कक्ष राजपरिवार की महिलाओं के लिए बनाया गया था, और मर्दाना जो मर्दों के लिए बनाया गया था, जहां बैठके और बड़ी सभाएं की जाती थीं। इस किले की वास्तुकला राजस्थान की संस्कृति का भली भांति चित्रण करती है। यह किला थार रेगिस्तान के अद्भुत दृश्य देखने का मौका प्रदान करता है।

राजस्थान
खिमसार ड्यून विलेज
खिमसार किले के अलावा यहां खिमसार ड्यून विलेज भी भ्रमण करने लायक स्थान है। मुख्य शहर से लगभग 15 किमी की दूरी पर स्थित इस गांव तक कोई सीधी रोड नहीं जाती है। यहां बस ऊंट और जीप के सहारे ही जाया जा सकता है। यहां का सफर काफी रोमांचक है, जो आपको रेगिस्तान की रेत का अनुभव कराएगा। यहां एक छोटी झील भी मौजूद है, जो यहां जलापूर्ति का काम करती है। यहां आपको छोटे-छोटे झोपड़े दिखेंगे, जो रेगिस्तान की आंधी से बचने के लिए कुछ खास प्रकार से बनाए गए हैं।

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ओसियां
खिमसार के पास जोधपुर जिले के अतर्गत आप ओसियां की सैर का प्लान बना सकते है। ओसियां एक प्राचीन नगर है, जिसे राजस्थान का खजुराहो कहा जाता है। यह नगर अपने प्राचीन 8वीं और11वीं शताब्दी के दौरान बनाएं गए हिन्दू और जैन मंदिरों के लिए जाना जाता है। यहां आप कई खूबसूरत मंदिरों को देख सकते हैं। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से यह नगर कफी ज्यादा मायने रखता है। खिमसार यात्रा के दौरान आप यहां का भ्रमण कर सकते हैं।
नागौर
खिमसार के स्थलों के अलावा आप 43 किमी की दूरी पर स्थित नागौर की सैर का प्लान बना सकते हैं। प्राचीन स्थल नागौर अपने बड़े पशु मेले के लिए जाना जाता है। यह स्थान चरवाहों के लिए शुरू से ही एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। चरवाहें यहां पशु या पशु से संबधित उत्पादों की खरीद-बिक्री के लिए आया करते हैं। इसके अलावा यहां ऊंटों की दौड़ भी होती है, जिसे देखने के लिए आसपास के गांवों से काफी लोग इकट्ठा हो जाते हैं। ऊंट दौड़ को देखना यहां आने वाले पर्यटकों को भी काफी ज्यादा पसंद है।
जोधपुर
उपरोक्त स्थलों के अलावा आप खिमसार के नजदीकी शहर जोधपुर की सैर का प्लान भी बना सकते हैं। जोधपुर अपने गौरवशाली अतीत के लिए जाना जाता है। यह भूमी कई वीर राजाओं की जन्मस्थली रही है। यहां के मारवाड़ा राजाओं ने इस शहर को शीर्ष तक पहुंचाने का काम किया था। आज भी उनकी गौरवगाथा को यहां मौजूद विशाल किले-भवनों के माध्यम से महसूस किया जा सकता है। यह कभी राजपूतों का महत्वपूर्ण केंद्र हुआ करता था। ऐतिहासिक पर्यटन के लिहाज यह एक महत्वपूर्ण शहर है, जहां कई प्राचीन धरोहरो को देखा जा सकता है।

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जोधपुर
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