मनीष गुप्ता केस : पीड़ितों ने मिले अखिलेश यादव, परिजनों को मुकदमा न करने की सलाह देने वालों पर कार्रवाई कब?

कानपुर में प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की पुलिस पिटाई से मौत के मामले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कानपुर पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात की। अखिलेश ने उन्हें 20 लाख रुपए की आर्थिक मदद भी दी।

वायरल हुआ था डीएम और एसएसपी का वीडियो

इस घटना से पहले मनीष के परिजनों से गोरखपुर के डीएम और एसएसपी की बातचीत का एक वीडियो भी सामने आया था। यह वीडियो मेडिकल कॉलेज चौकी के अंदर चोरी से बनाई गई थी। इसमें डीएम के अलावा एसएसपी और मनीष की बड़ी बहन और बहनोई की आवाज है। वीडियो में डीएम कोर्ट कचेहरी के चक्कर में न पड़ने की सलाह दे रही है। वहीं एसएसपी का कहना है कि उन्हें नौकरी नहीं मिलेगी। जबकि मनीष के बहनोई न्याय की मांग कर रहे हैं। मनीष की बहन जान के बदले जान की गुहार लगा रही है। फिलहाल वीडियो की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

गोरखपुर के डीएम ने कहा कि आप के मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से होगी। मैं और कप्तान साहब स्वंय इसकी निगरानी करेंगे। मेरी इतनी बात रख लीजिए मेरा अनुरोध मान लीजिए। मैं आप को एक बड़े भाई की हैसियत से कह रहा हूं। एक बार मुकदमा होने पर आक को अंदाजा नहीं है, मुझे पता नहीं आप कितना जानते हैं सालों तक कोर्ट-कचहरी में परेशान रहना पड़ता है।

वायरल वीडियो में एसएसपी भी कहते नजर आते हैं कि उनका पहले से कोई झगड़ा तो था नहीं वह होटल में वर्दी में गए थे। मनीष के बहनोई पूछते हैं कि उन्होंने बताया था ऐसा क्यों हुआ… कप्तान कहते हैं इसीलिए मैं आपकी बात सुबह से ही सुन रहा हूं। मैडम ने कहा निलम्बित कर दीजिए मैने कर दिया। वह तब तक बहाल नहीं होंगे जब तक उन्हें क्लीनचिट नहीं मिल जाती। उन्हें नौकरी नहीं मिलेगी। मनीष की बड़ी बहन कह रही हैं कि मुझे उनकी नौकरी नहीं चाहिए भईया उनको पूरी तरह से हटाइए। मुझे तो जान के बदले जान चाहिए।

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