मथुरा कांड पर बड़ा खुलासा, सबको सब पता था

मथुरा कांडमथुरा। उत्‍तर प्रदेश के मथुरा कांड में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। इस सिलसिले में एक एफआईआर सामने आई है, जो सरकार और पुलिस प्रशासन के सफेद झूठ को बेनकाब कर रही है। इस एफआईआर से यह बिल्‍कुल साफ होता है कि मथुरा के पुलिस प्रशासन को इस बात की पूरी जानकारी पहले से थी कि जवाहरबाग में कितनी संख्‍या में हथियार मौजूद हैं।

मथुरा कांड का चौंकाने वाला सच

यह एफआईआर मथुरा कांड से करीब एक महीने पहले आठ अप्रैल को सदर थाने में दर्ज कराई गई थी। एफआईआर तहसील के संग्रह अमीन चन्द्रमोहन मीणा ने दर्ज कराई थी। इस एफआईआर में यह साफ तौर पर लिखा है कि जवाहर बाग में रहने वाले लोगों के पास भारी मात्रा में असलहे और लाठी डन्‍डे समेत दूसरे कई धारदार हथियारों का जखीरा था। इसके बावजूद भी इलाके की पुलिस कान में तेल डालकर सोती रही और मामले में किसी भी तरह की गंभीरता नहीं बरती गई।

इस एफआईआर के सामने आने के बाद सवाल उठ रहा है कि यूपी के डीजीपी ने इस पर पत्रकारों से जो कुछ भी कहा, क्‍या वह सफेद झूठ नहीं था। यहां तक कि इस पूरे कांड के बाद सीएम अखिलेश का बयान भी डीजीपी से मिलता-जुलता था। इस एफआईआर के सामने आने के बाद यह तो साफ हो गया है कि हथियारों के बारे में पुलिस और सरकार पूरी तरह से सफेद झूठ बोल रही है।

4 अप्रैल 2016 को सदर तहसील पर भी जवाहर बाग के अवैध कब्‍जाधारियों हमला बोल दिया था। इसी मामले में तहसील के संग्रह अमीन ने सदर बाजार थाने में 200 से 250 लोगों के खिलाफ आठ अप्रैल को एफआईआर दर्ज कराई थी।

पुलिस प्रशासन की इस भारी लापरवाही के कारण मथुरा में 24 परिवारों ने अपनों को खो दिया है। इसमें दो पुलिसवाले भी शामिल थे। इस पूरे घटनाक्रम के बाद यूपी सरकार चारों ओर से निशाने पर आ गई है। वहीं अब इस एफआईआर से सवाल और भी ज्‍यादा खड़े होते नजर आ रहे हैं।

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