मतदाता पर्ची के पीछे दिखेगा गूगल मैप , पोलिंग बूथ ढूंढ़ने में अब नहीं होगी परेशानी

लखनऊ : मतदाताओं को इस बार लोकसभा चुनाव में अपना मतदान केंद्र ढूंढ़ने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। जहां निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मतदान से पहले बीएलओ द्वारा वोटरों के घरों पर पहुंचाई जाने वाली मतदाता पर्ची के पीछे संबंधित मतदान केंद्र का गूगल मैप छपा मिलेगा। वहीं इससे बिना किसी परेशानी व पूछतांछ के मतदाता अपने निर्धारित मतदान केंद्र तक आसानी से पहुंच जाएगा। यह जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी व डीएम कौशल राज शर्मा ने दी हैं।

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उनका कहना हैं की इसके साथ पहली बार मतदाताओं को मतदान से पहले मतदान स्थल संबंधी आवश्यक जानकारी देने को चार प्रकार के रंगीन पोस्टर भी विधानसभा क्षेत्रवार छपवा कर चस्पा कराए जाएंगे। साथ ही मतदान केंद्रों के मुख्य प्रवेश द्वार के समीप भी प्रशासन की तरफ से नामित स्वयंसेवी छात्र-छात्रा हेल्प डेस्क पर मौजूद रहेंगे।

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वहीं हेल्प डेस्क पर मौजूद यह सहायक पोलिंग सेंटर पर पहुंचने वाले मतदाताओं को उनके पोलिंग बूथों की स्थिति के बारे में जानकारी देने के साथ ही अन्य किसी तरह की परेशानी होने पर सहायता करेंगे। जहां जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में बड़े पैमाने पर पात्रता के बाद भी मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने से छूटे लोगों का नाम सूची में दर्ज करा वोटर बनाने का कार्यक्रम चल रहा है।

बता दें की इसके तहत 8 अप्रैल तक मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने को फॉर्म-6 भरकर कर जमा कराने का मौका सभी जरूरतमंदों के पास रहेगा। प्रशासन ने मतदान दिवस पर परेशानी से बचाने को पहली बार बीएलओ स्तर से मतदाताओं के घरों में पीली पर्ची वितरित कराने का कार्य भी कराया है।

इसमें वोटर का नाम, पोलिंग बूथ संख्या आदि का विवरण पहले से जानना आसान हुआ है।फोटोयुक्त मेसेजिंग से अपडेट होगा पार्टियों का मूवमेंट मतदान ड्यूटी में तैनात पोलिंग पार्टियों के मूवमेंट को फूलप्रूफ बनाने के लिए पहली बार फोटोयुक्त मेसेजिंग से अपडेट किया जाएगा और साथ ही इसके तहत स्मृति उपवन स्थित रवानगी स्थल से मतदान दिवस से एक दिन पहले चिह्नित मतदान केंद्रों पर रवाना होने वाली चुनाव टोलियों के हर पीठासीन अधिकारी को पोलिंग पार्टी की रवानगी से लेकर ईवीएम जमा कराने तक के हर मूवमेंट की फोटोयुक्त मेसेजिंग से जानकारी देना अनिवार्य होगा।

दरअसल इसके लिए चुनाव ड्यूटी में नामित सभी पीठासीन अधिकारियों के मोबाइल नंबरों का रजिस्ट्रेशन विशेष तौर पर डीईओ पोर्टल पर रहेगा। इसके माध्यम से व्हाट्सएप पर पोलिंग ड्यूटी ग्रुप बना कर सभी पीठासीन अधिकारियों को इससे जोड़ा जाएगा।

डीईओ पोर्टल पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर जरूरी हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी का कहना हैं की पोलिंग पार्टियों के रवाना होने से पहले यह सुनिश्चित कराया जाएगा कि हर पीठासीन अधिकारी के पास मतदान के दिन वही मोबाइल नंबर अनिवार्य तौर पर उपलब्ध होगा जिसे डीईओ पोर्टल पर रजिस्टर्ड कराया गया होगा।

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