भारत की बड़ी उपलब्धि, 2018 से हमारे GPS से दुनिया देखेगी रास्ता

NavICनई दिल्ली। वर्तमान समय में हम जब भी कहीं रास्ता भटकते हैं तो तुरंत गूगल मैप का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अगले साल से हमें रास्ता दिखाने के लिए NavIC नाम का एक देसी जीपीएस आ जाएगा। 2018 तक बाजार में इस GPS के दस्तक देते ही भारत उन देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जिनका अपना जीपीएस सिस्टम है।

आपको बता दें कि वर्तमान जीपीएस की ऐक्युरेसी 20-30 मीटर है। वहीँ ये भारतीय GPS 5 मीटर की ऐक्युरेसी के साथ यह सही स्थिति बताने में सक्षम होगा।’ यह दूरी जितनी पास होगी, जीपीएस की पॉजिशन उतनी ही सटीक बैठेगी।

अहमदाबाद स्थित स्पेस ऐप्लिकेशन सेंटर के डायरेक्टर तपन मिश्रा ने बताया, ‘यह भारतीय रीजनल नेविगेशन सैटलाइट सिस्टम NavIC के नाम से शुरू किया जाएगा। इस पर टेस्टिंग चल रही है और बाजार में अगले साल से यह लोगों को रास्ता दिखाने लगेगा।’

NavIC का अर्थ ‘नाविक’ व नेविगेटर है। IRNSS-1G की लॉन्चिंग के बाद पीएम मोदी ने ही इसे यह नाम दिया था। यह जीपीएस देशभर में कहीं भी, किसी भी लोकेशन का सही डेटा यूजर तक पहुंचा सकेगा।

एसएसी डायरेक्टर ने कहा, ‘अमेरिकन जीपीएस 24 सैटलाइट से लैस है व इसकी पहुंच लगभग पूरी दुनिया तक है। हमारा NavIC 7 सैटलाइट वाला होगा और सिर्फ भारत को कवर करेगा। यहां कहा जा रहा है कि यह सिस्टम भले ही कम पहुंच वाला है, लेकिन अमेरिकी जीपीएस से कहीं ज्यादा सटीक होगा।

हम सालों से जिस जीपीएस का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसे यूएस ने 1973 में डिवेलप किया था। करगिल युद्ध के दौरान साल 1999 जब जीपीएस सेवाएं बाधित हुई थीं, तब भारत को नेविगेशन सिस्टम की जबरदस्त जरूरत पड़ी थी।

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