बांसगांव में भाजपा और गठबंधन में आमने- सामने की होगी टक्कर…

बांसगांव (सुरक्षित) संसदीय क्षेत्र के बनवारपार में फिराक गोरखपुरी का घर है। शायरी पसंद लोकसभा क्षेत्र की चुनावी लड़ाई इस बार दिलचस्प हो गई है। कांग्रेस प्रत्याशी कुश सौरभ का नामांकन खारिज होने के बाद अब मुकाबला भाजपा और गठबंधन के बीच है। भाजपा ने सांसद कमलेश पासवान पर तीसरी बार भरोसा जताया है।

भाजपा और गठबंधन

वह 2009 और 2014 का चुनाव जीते थे। बसपा ने अनुभवी नेता सदल प्रसाद को चुनाव मैदान में उतारकर लड़ाई को रोचक बना दिया है। सदल ने पिछला चुनाव भी इसी सीट से लड़ा था। भाजपा को जहां मोदी-योगी के काम, नाम का सहारा है तो बसपा गठबंधन के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने की कोशिश में है।

ग्रामीण इलाके की इस सीट पर भाजपा एससी और मुस्लिम वोट बैंक में भी सेंधमारी करती दिख रही है। बधरई के 70 वर्षीय फेकन राय ने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन खारिज होना भाजपा के लिए फायदेमंद है। बांसगांव की सड़क चौड़ी हो गई है। गांव में 18 घंटे से ज्यादा बिजली मिल रही है।

इसी गांव के दुलारे ने कहा कि खाद, बीज, बिजली, पानी और रसोई गैस का संकट नहीं है। कांग्रेस सरकार में गैस के लिए भी लाइन लगती थी। अब बुकिंग के साथ ही गैस सिलिंडर घर पहुंच जाता है। कौड़ीराम के विनोद यादव ने भाजपा को बेहतर विकल्प बताया। हालांकि इसी गांव के सुभाष चंद्र राय कहते हैं कि पिछले पांच साल में बेरोजगारी बढ़ी है।

जो वादे 2014 में किए गए थे, वह पूरे नहीं हो सके हैं। बांसगांव में गठबंधन दमदारी से चुनाव लड़ रहा है। चौरीचौरा के राघोपुर गांव में दुकान चलाने वाले गणेश कुमार वर्मा चुनाव को व्यापारियों की सुरक्षा से जोड़कर देखते हैं। वह कहते हैं कि मोदी-योगी की जोड़ी विकास करा रही है। कानून व्यवस्था भी बेहतर है। सथरी के युवा दीपक निषाद कहते हैं कि मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार खत्म करने की पहल की है। युवाओं का समर्थन मोदी को रहेगा। नगर पंचायत मुंडेराबाजार के अजय यादव राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर मतदान करेंगे। उनका कहना है कि देश सुरक्षित हाथों में है। आतंकवादियों के सफाए और पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सेना को खुली छूट है। महदेवा के गगन चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने की पहल की है। ऐसा पहली बार हुआ।

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एससी वोटों को बांधे रखना गठबंधन की चुनौती

बड़हलगंज के मिश्रोली गांव के रमेश ठेला लगाते हैं। रमेश को प्रधानमंत्री आवास मिला है। वह कहते हैं कि पहली बार किसी सरकार ने गरीबों के हित की योजनाएं बनाईं और उसका क्रियान्वयन किया। बसपा प्रमुख मायावती ने एससी वर्ग को सिर्फ वोट बैंक समझा था। हमारा समर्थन मोदी को रहेगा। इसी गांव की इसरावती की राय भी कुछ ऐसी है। मरवट गांव की सूखा देवी ने भी मोदी को बेहतर विकल्प बताया। चौरीचौरा के अमडीहा में चाय की दुकान पर काम करके गुजर-बसर करने वाले पिंटू पासवान ने कहा कि मजदूरों के लिए पेंशन योजना पहली बार आई है। टेम्पो चलाने वाले भोपा बाजार के रवि कुमार दबगर कहते हैं कि सपा-बसपा का दायरा एक राज्य तक सीमित है। यह चुनाव देश के लिए हो रहा है। प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी से बेहतर विकल्प अभी नहीं है।

भाजपा की मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी
गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन पर कौड़ीराम के पास पांडेयपार गांव है। यह संसदीय सीट के बांसगांव विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है। गांव के महबूब का कहना है कि बिजली का संकट अब नहीं है। गांव की सड़क, नाली बन गई है। मुसलमान अमन पसंद हैं। कानून व्यवस्था बेहतर है। इस बार भाजपा को समर्थन देंगे। चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र से संबंधित बड़हलगंज के नौसहरा मोहल्ले के सद्दाम और हाजी मियां को प्रधानमंत्री आवास मिला है। उज्ज्वला योजना के तहत निशुल्क गैस सिलिंडर भी मिल चुका है। दोनों ने मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने की बात कही है। संसदीय सीट के चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र के भोपा बाजार निवासी शब्बीर की राय भी कुछ इसी तरह की है। वह कहते हैं कि पहली बार घर-घर शौचालय बनवाने का पैसा मिला है।

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सवर्ण मतदाताओं में नाराजगी पर मोदी-योगी के नाम पर साथ
भाजपा सांसद कमलेश पासवान बांसगांव से तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं। उनसे कुछ सवर्ण नाराज भी हैं, लेकिन मोदी के नाम पर भाजपा को समर्थन देने की बात कर रहे हैं। बसपा प्रत्याशी सदल प्रसाद की काडर वोट बैंक के साथ ही सवर्ण मतदाताओं में अच्छी पैठ है। इस चुनौती से निपटना भाजपा के लिए आसान नहीं है। दनखर वार्ड नंबर छह की डॉ. स्नेहा सिंह का कहना है कि भाजपा प्रत्याशी से नाराजगी है, लेकिन मोदी-योगी के नाम पर भाजपा को वोट देना है। बांसगांव के कारोबारी अमलेश पांडेय का कहना है कि कोई दूसरा बेहतर विकल्प नहीं है। ऐसा होता तो भाजपा को तगड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता था। कारोबारी मनीष सिंह का कहना है कि 10 साल के कार्यकाल में सांसद को तीन बार देखा है। विकास कार्य नहीं हुआ है। पिछली बार की तरह इस बार भी बसपा प्रत्याशी को वोट देंगे।

 

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