इतने साल बीत जाने के बाद भी गुमनाम है भगवान गणेश की पौराणिक जन्म स्थली

एक तरफ पूरे देश में गणेश महोत्सवों की धूम मची है वहीं दूसरी ओर गणेश भगवान की पौराणिक जन्मस्थली डोडीताल गुमनाम है। पुराणों के अनुसार असी गंगा डोडीताल गणेश भगवान की जन्मस्थली बनी हुई है। माना जाता है कि इस स्थान पर भगवान गणेश का जन्म हुआ था।

भगवान गणेश

असी गंगा केलसू घाटी के ग्रामीण सीमित संसाधनों के साथ भगवान गणेश की जन्मस्थली को पहचान दिलाने और हर साल गणेश महोत्सव कर इस परंपरा को मजबूत करने की कोशिश में जुटे हैं।

इस क्षेत्र को केलसू (कैलाश) की मान्यता

ढुंढी (हाथी की सूंड़) नाम से ढुंढीताल के अपभ्रंश डोडीताल को भगवान गणेश की जन्म स्थली माना जाता है। इस क्षेत्र को केलसू (कैलाश) की मान्यता है। डोडीताल स्थित मां अन्नपूर्णा के प्राचीन मंदिर के आचार्य डा.राधेश्याम खंडूड़ी बताते हैं कि स्कंद पुराण के केदारखंड में इसका कई स्थानों पर उल्लेख आया है।

उनके मुताबिक डोडीताल के ऊपरी हिस्से में भगवान गणेश के उपनाम वक्रतुंड का अपभ्रंश बकरियां टॉप मौजूद है, जबकि गणेश पुराण के रचयिता मुद्गल ऋषि के नाम से इसी क्षेत्र में मुद्गल ताल भी है। डोडीताल में झील के किनारे मां अन्नपूर्णा एवं भगवान गणेश जी का प्राचीन मंदिर स्थित है। यह क्षेत्र छह माह तक बर्फ से आच्छादित रहता है। इस दौरान झील के ऊपर भी बर्फ की मोटी परत जमा हो जाती है।

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ऐसे पहुंच सकते हैं डोडीताल

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से दस किमी की सड़क दूरी पर संगमचट्टी और यहां से अगोड़ा, बेबरा, मांझी होते हुए 22 किमी पैदल दूरी पर स्वच्छ नीले पानी की झील डोडीताल स्थित है। समुद्र सतह से 3085 मीटर की ऊंचाई पर करीब डेढ़ किमी दायरे में फैले इस ताल की गहराई को अभी तक मापा नहीं जा सका है।

डोडीताल में ढांचागत सुविधाओं के विकास की मांग
असी गंगा घाटी के पूर्व जिला पंचायत सदस्य कमल सिंह रावत, विरेंद्र नेगी, विजेंद्र रावत, संजय पंवार, महावीर पंवार, शिवराम पंवार, दिग्विजय नेगी, जितेंद्र सिंह, ममता रावत आदि स्थानीय लोगों का कहना है कि डोडीताल को भगवान गणेश की जन्म स्थली की पहचान मिलेगी तो क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी तैयार होंगे। उन्होंने सरकार से धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर डोडीताल को भगवान गणेश की जन्म स्थली के तौर पर दर्ज करने और यहां ढांचागत सुविधाओं का विकास करने की मांग की है।

 

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