‘बैद्यनाथ धाम’ नाम से प्रसिद्ध इस जगह के दर्शन करना न भूलें

देवघर, झारखंड का एक रमणीय स्थल जहां पर अनेक हिंदू मंदिर और तीर्थस्थलों के दर्शन कर सकते हैं. कई बौद्ध मठों के खंडहरों से घिरा यह छोटा सा शहर ‘बैद्यनाथ धाम’ के नाम से प्रसिद्ध है. लगभग 833 फीट की औसत ऊंचाई पर स्थित देवघर कुछ सबसे शानदार वास्तुशिल्प मूर्तियों का घर है. इस शहर में हर साल लगभग 7 से 8 लाख श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. इसी वजह से देवघर सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है.

मंदिर

कैसे पहुंचे देवघर-

वायु मार्ग द्वारा: देवघर का निकटतम हवाई अड्डा पटना में स्थित है, जो कि यहां से लगभग 250 किलोमीटर की दूरी पर है. हवाई अड्डे से नियमित कैब सेवाएं उपलब्ध हैं. रेल मार्ग द्वारा: देवघर का प्रमुख रेलवे स्‍टेशन जसीडीह जंक्शन है जहां देश के सभी प्रमुख शहरों से नियमित ट्रेनें आती हैं.

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सड़क मार्ग द्वारा: देवघर के लिए आसपास के शहरों एवं कस्‍बों से नियमित बसें चलती हैं. ये सड़क मार्ग द्वारा भारत के अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. इसके बस टर्मिनल से नियमित बसें उपलब्ध हैं.
रेल मार्ग द्वारा: देवघर का प्रमुख रेलवे स्‍टेशन जसीडीह जंक्शन है जहां देश के सभी प्रमुख शहरों से नियमित ट्रेनें आती हैं। सड़क मार्ग द्वारा: देवघर के लिए आसपास के शहरों एवं कस्‍बों से नियमित बसें चलती हैं। ये सड़क मार्ग द्वारा भारत के अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इसके बस टर्मिनल से नियमित बसें उपलब्ध हैं.

देवघर आने का सही समय

इस शहर की यात्रा के लिए सर्दियों के महीने सबसे सुखद रहते हैं। अक्टूबर से मार्च के महीनों में यहां का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस तक रहता है.

देवघर के दर्शनीय स्‍थल-

बाबा बैद्यनाथ मंदिर

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भारत के सबसे पूजनीय ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक बाबा बैद्यनाथ मंदिर है. ये पवित्र स्‍थान मां सती के 52 शक्‍तिपीठों में से भी एक है. इस आध्यात्मिक गर्भगृह में हिंदू देवी-देवताओं के इक्कीस अन्य मंदिर भी हैं. मंदिर में दुनिया भर से भक्तों और श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. मान्‍यता है कि मंदिर में पूजा करने से उन्हें दुखों और पापों से छुटकारा मिलता है.

मंदिर

नौलखा मंदिर

नौलखा
देवघर अपने पूजनीय तीर्थों के लिए जाना जाता है और नौलखा मंदिर एक ऐसा आध्यात्मिक गर्भगृह है, जो अपने वास्तुशिल्प के साथ-साथ ऐतिहासिक महत्व के लिए भी मशहूर है. ये मंदिर हिंदू पौराणिक देवी-देवता राधा और कृष्ण समर्पित है. 146 फीट ऊंचे नौलखा मंदिर का निर्माण एक संत द्वारा किया गया था, जिसे 1948 में श्री बालानंद ब्रह्मचारी के नाम से जाना जाता था. इस मंदिर में दुनियाभर से पर्यटकों और भक्तों का आना जाना रहता है.

रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ

राम कृष्णा
भारत की एक असाधारण प्राचीन और ऐतिहासिक धरोहर के रूप में रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ को जाना जाता है. शहर के केंद्र में स्थित, यह सबसे पुराना शैक्षणिक संस्थान है जिसकी स्‍थापना 1922 में की गई थी. अब इसे पूरी तरह से वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में बदल दिया गया है.स्वामी विवेकानंद के कई शिष्यों द्वारा इस जगह का उपयोग किया जाता था. रामकृष्ण मिशन के साथ-साथ इसके केंद्र में स्थित श्री रामकृष्ण मंदिर, संस्था का संचालन कुछ भिक्षुओं और ब्रह्मचारियों द्वारा किया जाता है.

मंदरा पर्वत

पर्वत
देवघर में मंदार हिल पर्यटकों के आकर्षण का एक बड़ा केंद्र है और इस पर्वत के बारे में कई मिथक और कहानियां भी प्रचलित हैं. समुद्रतल से 700 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस पर्वत के बारे में कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से अमृत से निकालने के लिए इस पर्वत का प्रयोग किया गया था. इसलिए हिंदुओं के लिए ये बेहद पवित्र स्‍थान है. इस पहाड़ की चोटी पर एक मंदिर भी स्थित है जिसे 12वें जैन तीर्थंकर वासुपूज्य के लिए श्रद्धांजलि के रूप में बनाया गया था. यहां पर झीलें भी हैं. ये जगह देवघर के कुछ चुनिंदा सबसे लोकप्रिय स्‍थलों में से एक है.

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