बुलंदशहर गैंगरेप: ‘मेरी बेटी को ब्‍लीडिंग हो रही थी, डॉक्‍टर ने उसे किनारे बैठा दिया’

बुलंदशहर गैंगरेपबुलंदशहर। बुलंदशहर गैंगरेप मामले में अब डॉक्टर का असंवेदनहीन चेहरा सामने आया है। पीडि़ता मां-बेटी ने बताया है कि जब उन्हें मेडिकल के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया, तो वहां डॉक्टर ने उनकी एक न सुनी। डॉक्टर यह तक नहीं मान रही थीं कि इस मां-बेटी के साथ गैंगरेप हुआ है।

बुलंदशहर गैंगरेप मामले में डॉक्‍टर की असंवेदनहीनता

रेप पीडि़त मां ने एक न्‍यूज चैनल से बातचीत में कहा, ‘हम दोनों के शरीर पर जख्‍म थे। बेटी को ब्लीडिंग हो रही थी। लेकिन डॉक्टर यह सब देखकर भी चुप थी। उसे विश्‍वास नहीं हो रहा था कि हम सच बोल रहे हैं।’ हद तो तब हो गई, जब डॉक्टर ने पीडि़त लड़की की मदद के बजाय एक कोने में जाकर बैठने के लिए कह दिया। उन्होंने बताया कि उत्पीड़न के बाद उन्हें पुलिस की ओर से भी कोई मदद नहीं मिली।

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नहीं काम आया इमरजेंसी नंबर

पीडि़त परिवार का कहना है कि गैंगरेप के बाद जब उन लोगों ने 100 नंबर पर फोन किया तो कोई जवाब नहीं मिला। पुलिस मौके पर पहुंची तो पहले वह घटना को ही झुठलाते रहे। रेप पीडि़त ने बताया कि पुलिस हमारा भरोसा नहीं कर रही थी, हमें केस दर्ज करने के लिए पुलिस से मिन्नतें करनी पड़ीं।

गुनहगारों की आंंखें फोड़ना चाहती हूं : रेप पीड़ि‍ता

हाईवे बलात्कार कांड की पीड़िता अपने हाथों से गुनहगारों को सजा देना चाहती है। रेप पीड़िता ने कहा कि वह गुनहगारों की आंंखें फोड़ना चाहती हूं। साथ ही उसने कहा कि गुनहगारों को सजा नहीं मिली तो वे जान दे देंगी।

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