बिहार में भी गरमाई सियासत, अब कौन सी सियासी चाल चल रहे हैं नीतीश!

सियासत के गलियारे में एक बार फिर यह चर्चा शुरू हो गयी है कि बिहार का राजनीतिक समीकरण बदलने को है। भाजपा का एक गुट जहां लगातार नीतीश कुमार पर हमले कर रहा है, गठबंधन तोड़ने की चुनौती दे रहा है। वहीं, नो एंट्री का बोर्ड लगाने वाला राजद अब नीतीश को लेकर नरम है। साथ आने की जरूरत बता रहा है। ऐसे में एक बार फिर सबकी नजर नीतीश कुमार पर है। रविवार को जहां भाजपा अपने एमएलसी सच्चिदानंद राय से नीतीश विरोधी बयान देने के लिए स्पष्टीकारण मांग रही थी, वहीं नीतीश कुमार दरभंगा में राजद नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी के घर चाय पी रहे थे।

नीतीश

यह संयोग सियासत में बिना कारण नहीं बनता है। सियासी रिश्तों में आयी दरार को पाटने के लिए ही भाजपा सच्चिदानंद जैसे नेताओं पर नकेल कस रही है। इतना ही नहीं, पार्टी के सबसे बडे़ नेता सुशील मोदी मीडिया में बयान देते हैं कि राजग अगला विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लडे़गा। अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति के अध्यक्ष अमरेंद्र प्रताप सिंह ने सच्चिदानंद राय से 10 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है। राय को भेजे गये कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि हाल के दिनों में विभिन्न मीडिया के माध्यमों में उनके बयान पार्टी के रूख के विपरित हैं।

भाजपा नेतृत्व द्वारा बार-बार समझाये जाने के बावजूद पार्टी के विरूद्ध राय के इन बयानों से पार्टी संगठन और गठबंधन की गरिमा एवं मर्यादा आहत हुई है, जो अनुशासनहीनता के दायरे में आती है। ऐसे में उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आलोचक रहे राय पर हुई इस कार्रवाई को भी जानकार गठबंधन बचाने की पहल ही बता रहे हैं। यह बिहार में नीतीश की जरूरत और भाजपा की ताकत दोनों को दिखा रहा है।

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नीतीश और सिद्दीकी की अकेले में आधे घंटे की मुलाकात को राबड़ी देवी गैर राजनीतिक करार दे रही हैं। कहती है सिद्दीकी के गांव में भी बाढ़ आयी है, इस वजह से नीतीश कुमार वहां गये थे। उन्होंने यह भी कहा कि राजद को तोड़ने की कोई कोशिश नहीं हो रही है। हमारी पार्टी एकजुट है। हम के अध्यक्ष जीतन राम मांझी की माने तो राजनीति संभावनाओं का खेल है, राजनीति में कुछ भी संभव है।

कांग्रेस की इस पूरे मामले पर नजर है। प्रदेश अध्यक्ष मदनमोहन झा कहते हैं कि भाजपा-जदयू के नेता ही एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। उन्हें इस तरह बोलने के बजाए बाढ़ पीड़ितों के लिए काम करना चाहिए। दरभंगा के भाजपा सांसद को नीतीश के दौरे की जानकारी नहीं होने पर कांग्रेस अध्यक्ष ने टिप्पणी से इनकार कर दिया। हर किसी को जानना है कि आखिर कहां किसको भेद रहा है नीतीश का तीर।

नीतीश और सिद्दीकी की मुलाकात को आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की पत्नी और पूर्व सीएम राबड़ी देवी गैर राजनीतिक करार दे रही हैं। उन्होंने कहा, सिद्दीकी के गांव में भी बाढ़ आई है, इस वजह से नीतीश वहां गए थे।

वहीं, ‘हम’ के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने कहा कि राजनीति संभावनाओं का खेल है, कुछ भी संभव है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदनमोहन झा कहते हैं कि भाजपा-जेडीयू के नेता एक दूसरे खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं।

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