बाबरी विध्वंस मामले में सन् 1992 के बाद अब तक क्या-क्या हुआ

सन् 1992 में 6 दिसंबर को अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपराधिक मामले में 28 साल बाद बुधवार यानि आज(30 सितंबर 2020) फैसला सुनाया जाएगा। इस कड़ी में विशेष अदालत के सामने सीबीआई ने अपनी संयुक्त चार्जशीट शीट में आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग आरोप लगाए हैं। आइए डालते हैं एक नज़र सन् 1992 से अब तक के पूरे मामले पर…..

सन् 1992, 6 दिसंबर को अयोध्या स्थित विवादित ढांचा को ढहया गया।
सन् 1993 में 1 मार्च फैज़ाबाद से ललितपुर के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट को पत्रावली भेजी गई।
सन् 1993 9 सितंबर इलाहबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रकरण ललितपुर से रायबरेली स्थानांनरित।
सन् 1993, 10 सितंबर को पत्रावली रायबरेली की विशेष अदालत में आई।
सन् 1994,24 जनवरी को स्पेशल जज लखनऊ को पत्रावली स्थानांनतरित।
सन् 2002, 29 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने रायबरेली में मुकदमा चलाने का आदेश दिया।
सन् 2003, 21 मार्च को रायबरेली की विशेष अदालत में पत्रावली आई।
सन् 2003, 19 सितंबर को लालकृष्ण अडवाणी आरोप मुक्त हुए। बाकी के ख़िलाफ आरोप तय करने का आदेश।

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सन् 2005 6 जुलाई को हाईकोर्ट ने आदेश सुनाया कि लालकृष्ण आडवाणी समेत आठों आरोपितों पर रायबरेली की विशेष अदालत में मुकदमा चलेगा।
सन् 2005 28 जुलाई को लालकृष्ण आडवाणी समेत सभी आठों आरोपी कोर्ट में पेश हुए।
इसके बाद से गवाही का दौर शुरू हुआ।

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