बच्चों की मौत पर घिरी योगी सरकार, गोरखपुर पहुंचे दो मंत्री

योगीगोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई मौतों के कारण प्रदेश की योगी सरकार की आलोचना हो रही है। इस मामले में सरकार के लिए जवाब देना मुश्किल हो गया है। अस्पताल की ओर से भी अब लीपापोती की कोशिशें शुरू कर दी गई हैं। बताया जा रहा है कि एक महीने से ऑक्सीजन संकट की खबर स्थानीय मीडिया में दी जा रही थी, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह को इस बारे में जानकारी तक नहीं थी।

हैरानी की बात तो यह है कि सीएम योगी ने खुद दो दिन पहले इस अस्पताल का दौरा किया था, लेकिन फिर भी इतनी बड़ी घटना हो गई। ऐसे में विपक्षी दलों ने सरकार को निशाने पर ले लिया है। आज दिन भर गोरखपुर में सरकार के मंत्रियों और विपक्ष के नेताओं का जमावड़ा लगने वाला है। अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

48 घंटों में 36 बच्चों सहित 54 मौतों ने पूरे देश को हिला दिया है। सरकार के लिए यह शर्मिंदगी की वजह इसलिए भी बन गया है कि गोरखपुर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संसदीय क्षेत्र रहा है और मुख्यमंत्री अकसर यहां का दौरा करते रहते हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो गई? इस संबंध में जो बातें निकलकर सामने आ रही हैं, वह साफ इशारा कर रही हैं कि मामले की पूरी जानकारी होने के बावजूद अधिकारियों ने लापरवाही बरती जो कई घर के चिरागों को बुझा गई।

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प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर आशुतोष टंडन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने के बाद गोरखपुर के रवाना हो रहे हैं। लौटने के बाद वे सीएम को पूरी रिपोर्ट सौंपेंगे। गोरखपुर रवाना होने से पहले सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि विपक्षों दलों को मौत पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मामले की जांच कराई जाएगी और जल्द ऐक्शन लिया जाएगा। यह एक गंभीर मामला है।’ मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि मुख्यमंत्री हालात पर नजर रखे हुए हैं।

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घटना के बाद अब अस्पताल की व्यवस्थाओं से जुड़ी शिकायतें खुलकर सामने आने लगी हैं। अस्पताल में भर्ती बच्चों के परिजनों का कहना है कि उन्हें खाना और दवायें बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं। अस्पताल में डॉक्टरों की कमी की बात भी सामने आई है। एक डॉक्टर ने कहा, ‘मॉनसून में मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाती है। ऐसे में हमें एक बेड पर 2 मरीजों को लेटाना पड़ता है। डॉक्टरों की कमी है, लेकिन हम लगातर उन्हें मॉनिटर करते हैं।’ इस बीच अस्पताल में ऑक्सिजन सिलिंडरों की सप्लाई शुरू हो गई है।

 

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