बकाया गन्ना भुगतान के लिए तरस रहे बलरामपुर के किसान, चीनी मीलों को मजबूरी में पहुंचा रहे गन्ना

Report:-Akhileshwar Tiwari/Balrampur 

जनपद बलरामपुर पिछड़ा क्षेत्र होने के साथ-साथ आर्थिक मामलों में भी काफी पिछड़ा हुआ है। इस जिले के अधिकांश कृषि योग्य भूमि पर गन्ने की खेती की जाती है। गन्ने की बहुतायत कृषि को ध्यान में रखते हुए जिले में तीन चीनी मिलें स्थापित की गई हैं। जनपद की दो चीनी मिल बलरामपुर तथा तुलसीपुर बीसीएम समूह की है तथा एक चीनी मिल इटई मैदा श्रीदत्तगंज में स्थापित है, जो बजाज समूह की है। बलरामपुर चीनी मिल किसानों के गन्ना भुगतान को लेकर सदैव तत्पर रहता है, वही बजाज चीनी मिल द्वारा किसानों के गन्ने के भुगतान में काफी लेट लतीफी की जा रही है।

सरकार तथा प्रशासन के तमाम दबाव के बावजूद भी बजाज चीनी मिल द्वारा अभी तक पिछले पेराई सत्र के गन्ने का भुगतान नहीं किया गया है। यही कारण है कि किसान गन्ने के भुगतान को लेकर काफी आक्रोशित नजर आ रहे हैं। हालात यहां तक आ चुकी है कि अब बजाज चीनी मिल किसान गन्ना देना भी नहीं पसंद कर रहे हैं। अधिकांश किसान बलरामपुर समूह की चीनी मिलों को गन्ना देना चाह रहे हैं। प्रशासनिक आंकड़ों के मुताबिक अभी 67 करोड रुपए बजाज चीनी मिल का किसानों के पिछले सत्र 2018-19 के गन्ने का मूल्य बकाया है।

परेशान गन्ना किसान

पेराई सत्र 2019 – 20 का शुभारंभ एक महीने पूर्व हो चुका है । जिले की तीनो चीनी मिलों में गन्ने के पेराई लगातार चल रहा है। बलरामपुर चीनी मिल ने वर्तमान पेराई सत्र का भुगतान 8 दिसंबर तक किसानों के बैंक खातों में भेज दिया है, वहीं बजाज चीनी मिल द्वारा अभी वर्तमान पेराई सत्र का कोई भी भुगतान किसानों को नहीं दिया गया है। पिछले सत्र का बजाज चीनी मिल इटई मैदा का 67 करोड़ रुपये किसानों का गन्ना मूल्य बकाया है, जिसे भुगतान करने के लिए लगातार शासन तथा प्रशासन द्वारा दबाव भी दिया जा रहा है।

इसके बावजूद भी चीनी मिल प्रशासन भुगतान को लेकर संवेदनशील नहीं दिख रहा है । वहीं बीसीएम समूह की चीनी मिलों द्वारा वर्तमान सत्र का भुगतान 8 दिसंबर तक भेज करके किसानों के गन्ना मूल्य का 14 दिन के अंतराल पर भुगतान देने का दावा किया जा रहा है । मिल के अधिशासी अध्यक्ष मधुकर मिश्र ने किसानों को आश्वस्त किया है, कि वह अपने गन्ने की आपूर्ति समय से पर्ची के दिनांक के अनुसार ताजे गन्ने की आपूर्ति करते रहें।

मिल गन्ने का भुगतान समय पर उनके खाते में भेजता रहेगा। उन्होंने किसानों से यह भी अपील किया है कि गन्ने को पहले से काटकर खेतों में ना रखें। इससे मिल तथा किसान दोनों का नुकसान हो रहा है । किसानों की समस्याओं की समस्याओं के निराकरण हेतु मिल प्रबंधन लगातार प्रयासरत है।

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बजाज चीनी मिल मे गन्ना सप्लाई करने वाले किसानों की समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले वर्ष का भुगतान अभी तक हुआ नहीं और इस वर्ष भी एक महीने से ऊपर गन्ने की आपूर्ति हो चुकी है, परंतु किसानों को अभी तक कोई भुगतान नहीं दिया गया है। प्रदेश सरकार चीनी मिलों को 14 दिनों के अंदर गन्ना मूल्य का भुगतान का निर्देश जारी कर चुकी है, जिसका अनुपालन बीसीएम समूह की मिले तो कर रही हैं परंतु बजाज समूह की मिलों द्वारा उसका अनुपालन नहीं किया जा रहा है।

गन्ना मूल्य भुगतान के लिए गन्ना किसानों के प्रतिनिधि तथा गन्ना विभाग के अधिकारी लगातार बजाज चीनी मिल प्रबंधन पर दबाव बना रहे। सचिव गन्ना अविनाश सिंह का कहना है कि 67 करोड़ रुपए  मूल्य किसानों का गन्ना मूल्य पिछले सत्र का बकाया है, जिसके लिए बजाज चीनी मिल का चीनी रोक दिया गया है। चीनी बिकने पर भुगतान किसानों के खातों में भेजा जा रहा है।

वर्तमान सत्र के गन्ने मूल्य का भुगतान भी कराने के लिए चीनी मिल को निर्देशित किया जा चुका है । प्रयास किया जा रहा है कि शीघ्र वर्तमान सत्र का भुगतान भी शुरू कर दें । उन्होंने कहा कि बलरामपुर चीनी मिल की दोनों इकाई तुलसीपुर व बलरामपुर द्वारा 8 दिसंबर तक का भुगतान

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