
नई दिल्ली : पिछले महीने के अंत में ‘फिर एक बार मोदी सरकार’ कहने वाले चीनी मीडिया ने अपनी इस बात से पलटी मार ली है। अब उसका दावा है कि भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के गठन के बाद से इंडिया कई मामलों में पिछड़ गया है।

बता दें की चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिमी मीडिया का कहना है कि पिछले कुछ सालों में अर्थव्यवस्था के मामले में चीन और भारत के बीच अंतर काफी बढ़ गया है।
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जहां मोदी सरकार में भारत की अर्थव्यवस्था बुरे हाल में है। यहां तक कि वित्त मंत्रालय के आर्थिक कामकाज विभाग की ताजा मासिक रिपोर्ट ने मजबूत अर्थव्यवस्था के दावों पर पानी फेर दिया है।
लेकिन कमजोर निजी निवेश, निजी खपत में उम्मीद से कम बढ़त और निर्यातों में ठहराव से वित्त वर्ष 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार कमजोर हुई है। वहीं बेरोजगारी भी पिछले 45 सालों के मुकाबले में अपने चरम पर है। विश्वभर में भारत की साख गिरी है।
देखा जाये तो चीनी मीडिया ने दावा किया है कि उसका देश पड़ोसी मुल्क भारत से कई मामलों में बहुत आगे है। चीन को यह बढ़त पीएम मोदी के कार्यकाल के दौरान मिली है।
जहां साल 2018 में चीनी अर्थव्यवस्था का आकार 13.6 लाख करोड़ डॉलर का था, जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2.8 लाख करोड़ डॉलर का था। ग्लोबलट टाइम्स के मुताबिक, भारत इस अंतर को कम करना चाहता है तो उसे सलाना आर्थिक वृद्धि दर कई गुना बढ़ानी होगी। हालांकि यह संभव नहीं लगता है।
दरअसल 2014 में दोनों देशों की अर्थव्यवस्था के आकार में करीब 8.34 लाख करोड़ का अंतर था। लेकिन 2018 में यह बढ़कर 10.8 लाख करोड़ डॉलर हो गया। चीन के सरकारी अखबार ने भारत के जीडीपी पर भी संदेह जताया है।
वहीं उसका कहना है पिछले 5 साल में 2014 से 2018 के बीच भारत की औसत जीडीपी 6.7 फीसदी से ज्यादा हो गई है, लेकिन इन आंकड़ों पर कई सांख्यिकी वजहों से संदेह किया जा रहा है। क्योंकि मौजूदा मोदी सरकार ने जीडीपी की गणना के तरीके और बेस ईयर को ही बदल दिया है।