फर्रुखाबाद में प्रशासन की लापरवाही से गई प्रसूता की जान, समय पर नहीं पहुंची एंबुलेंस
Report – दिलीप कटियार/FARRUKHABAD
फर्रुखाबाद में इलाज में लापरवाही और पुलिस की असंवेदनशीलता से दो बच्चों को जन्म देने वाली प्रसूता की मौत हो गई। घर से महिला को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली तो ट्रैक्टर-ट्राली से सीएचसी ले गए।
वहां टरकाने के बाद लोहिया अस्पताल के लिए निकले तो ट्रैक्टर पुलिस की गाड़ी से छू गया, इस पर पुलिस एक घंटे तक उनको रोके रही। प्रसूता एक घंटे तक तड़पती रही और हालत इतनी बिगड़ी कि अस्पताल पहुंचने से पहले मौत हो गयी।
वही लोहिया महिला अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के चलते एक महिला ने अस्पताल की गैलरी में बच्चे को जन्म दे दिया। इससे स्वास्थ्य कर्मियों में हड़कंप मच गया । आनन-फानन में उसे इलाज के लिए भर्ती कर लिया गया। जच्चा-बच्चा की हालत ठीक है।
पहली घटना नवाबगंज थाने के नगला नादी गांव निवासी सर्वेश की पत्नी बेबी को प्रसब पीड़ा हुई । हालत बिगड़ी तो परिजनों ने एंबुलेंस को फोन लगाया पर एंबुलेंस नहीं मिली। मोहम्मदाबाद सीएससी पहुंचने पर बेबी ने दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया ।
हालत ख़राब होने पर और मोहम्मदाबाद सीएससी में आईसीयू की सुविधा ना होने पर बेबी को लोहिया रेफर किया गया वहां टरकाने के बाद लोहिसा अस्पताल के लिए निकले तो ट्रैक्टर पुलिस की गाड़ी से छू गया, इस पर पुलिस दो घंटे तक उनको रोके रही। प्रसूता दो घंटे तक तड़पती रही और हालत इतनी बिगड़ी कि अस्पताल पहुंचने से पहले मौत हो गयी।
लोहिया अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर अर्चना ने प्रसूता बेबी को मृत घोषित कर दिया । गुस्साए परिजनों ने के स्वास्थ्य कर्मियों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया ।
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परिजनों का आरोप है कि जब वह बेबी को लेकर जा रहे थे तो रास्ते में यूपी-100 की गाड़ी से ट्रैक्टर टच हो गया इस पर पुलिसकर्मियों ने एक घंटे तक ट्रैक्टर-ट्राली रोके रखी जिसके कारण बेबी की हालत बिगड़ी और मौत हो गई।
अंजू देवी पत्नी सुजीत निवासी ग्राम भुनी चौरई थाना जहानगंज जनपद फर्रुखाबाद की रहने वाली है इन्हें प्रसव पीड़ा देर रात को शुरू हुई ।अंजू को लेकर परिजन लोहिया महिला अस्पताल पहुंचे जहां पर बेड खाली ना होने की बात कहकर प्रसूता अंजू के परिजनों को टरका दिया ।
लेबर रूम से निकलने के बाद प्रसूता ने अस्पताल गैलरी में बच्चे को जन्म दिया उसके बाद अस्पताल प्रशासन ने आनन-फानन में मीडिया की नजरों से बचाने के लिए प्रसूता को लेबर रूम में कर दिया तथा उसके परिजनों को भी कहीं गुप्त जगह पर बैठा दिया है ताकि मीडिया उन तक ना पहुंच सके । अस्पताल प्रशासन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है और इस मामले को दबाने में जुटी हुई है