फर्रुखाबाद के पांचाल घाट पर लगा श्रृद्धालुओं का तांता, लगाई आस्था की डुबकी
REPORT- दिलीप कटियार/FARRUKHABAD
फर्रुखाबाद के पांचाल घाट पर रविवार को माघी पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया.भोर के तीन बजे से ही श्रद्धालु, कल्पवासी, तीर्थयात्री और सांधु-संतों ने ‘हर हर गंगे, ऊं नमः शिवाय का उच्चारण करते हुए पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगाना शुरू कर दिया. हालांकि दिन चढ़ने के साथ ही स्नान करने वालों की भीड़ बढ़ती जा रही है. स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने चावल, आटा, नमक, दाल, तिल, आदि का दान किया.
माघ पूर्णिमा के पावन अवसर पर पांचाल घाट पर देर रात से ही आस्था की डुबकी लगाने का सिलसिला आंरभ हो गया.लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने गंगा में डुबकी लगाकर मोक्ष की कामना की.स्नान के बाद गंगा तट पर आसन लगाकर बैठे ब्राह्मणों से परिवार कल्याण हेतु माघ महात्म्य कथा का श्रवण किया तथा गरीबों को दान दिया.हालांकि इस बार घाटों पर बच्चों व महिलाओं की संख्या अधिक रही.
मां गंगा और हर-हर महादेव की जयघोष से घाट गूंज उठा. भागीरथी गंगा में स्नान करने के बाद विभिन्न मंदिरों में जाकर श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन भी किया.फर्रुखाबाद में कल्पवास की परंपरा सदियों पुरानी है.धर्मनगरी में आसपास के जनपदों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. इस कारण शहर के धर्मशाला, मंदिर और आश्रमों में जबर्दस्त भीड़ देखने को मिल.
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वहीं पुलिस ने भी जाम से निपटने के लिए बरेली-इटावा हाईवे पर इंतजाम का दावा किया है.यह है मान्यताःमाघ पूर्णिमा पर मोक्ष दायिनी में आस्था की डुबकी लगाने का विशेष धार्मिक महत्व है. क्योंकि इस दिन सच्ची निष्ठा के साथ स्नान करने और गरीब निराश्रितों को भोजन वस्त्र दान करने वाले पापों से मुक्त होकर मनोवांछित फल के भागीदार बनते हैं.
पुलिस प्रशासन की ओर से स्नान घाटों के साथ पूरे मेला क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं. लेकिन पुलिसकर्मी और निजी गोताखोर घाट से नदारद रहे. वॉच टावर पर पुलिसकर्मी नहीं दिखे.