प्रेरक-प्रसंग : थॉमस अल्वा एडिसन

प्रेरक-प्रसंगमहान वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडिसन एक बार बल्ब बनाने के लिए प्रयोग कर रहे थे तभी एक व्यक्ति ने उनसे पूछा – “आपने करीब एक हजार प्रयोग किये लेकिन आपके सारे प्रयोग असफल रहे और आपकी मेहनत बेकार हो गई| क्या आपको दुःख नहीं होता?”

एडिसन ने कहा – “मै नहीं समझता कि मेरे एक हजार प्रयोग असफल हुए है| मेरी मेहनत बेकार नहीं गयी क्योंकि मैंने एक हजार प्रयोग करके यह पता लगाया है कि इन एक हजार तरीकों से बल्ब नहीं बनाया जा सकता| मेरा हर प्रयोग, बल्ब बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा है और मैं अपने प्रत्येक प्रयास के साथ एक कदम आगे बढ़ता हूँ|”

कोई भी सामान्य व्यक्ति होता तो वह जल्द ही हार मान लेता लेकिन थॉमस एडिसन ने अपने प्रयास जारी रखे और हार नहीं मानी| आखिरकार एडिसन की मेहनत रंग लायी और उन्होंने बल्ब का आविष्कार करके पूरी दुनिया को रोशन कर दिया|

यह थॉमस एडिसन का विश्वास ही था जिसने आशा की किरण को बुझने नहीं दिया नहीं और पूरी दुनिया को बल्ब के द्वारा रोशन कर दिया|

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