पृथ्वी की पांचवी कक्षा में पहुंचा ‘चंद्रयान-2′(Chandrayan-2), अब चंद्रमा की सतह से है बस 30 दिन दूर

भारत के सबसे बड़े चंद्रमिशन चंद्रयान-2 ने मंगलवार को पृथ्वी की 5 वीं कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर लिया है. अभी तक मिशन चंद्रयान-2 तय योजना के मुताबिक आगे बढ़ रहा है, अगर ऐसे ही सब कुछ ठीक रहा है, तो जल्द ही भारत अपने इस मिशन को सफलतापूर्वक पूरा लेगा.

इसरो ने कल अपने जारी बयान में बताया कि चंद्रयान-2 अपनी सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. अब ये यान चंद्रमा की सतह पर पहुँचने से बस 30 दिन दूर है. इसे सात सितंबर को चांद की दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचना है।

 chandrayaan 2

22 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से बाहुबली रॉकेट जीएसएलवी एमके-3 एम-1 के जरिये सफल प्रक्षेपण के बाद चंद्रयान-2 170 किमी पेरिजी (पृथ्वी से कम दूरी) और 45,475 किमी  एपोजी (पृथ्वी से ज्यादा दूरी) पर स्थापित किया गया था।

मंगलवार दोपहर 2.30 बजे से 3.30 बजे के बीच तय योजना के मुताबिक चंद्रयान-2 की कक्षा में सफलतापूर्वक पांचवीं बार बदलाव किया गया। 1,041 सेकंड की फायरिंग के बाद यान ने 276 गुणा 142,975 किमी की कक्षा में पहुंच गया।

यहां से अब यान की चांद की ओर रवानगी शुरू हो गई है। इससे पहले दो अगस्त को चंद्रयान-2 चौथी कक्षा में पहुंचा था।

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14 अगस्त को चांद की कक्षा में करेगा प्रवेश

14 अगस्त को तड़के सुबह 3 से 4 बजे के बीच चंद्रयान-2 का ट्रांस लूनर इंसर्शन किया जाएगा। यानी चंद्रयान-2 को चांद की तरफ जाने वाली लंबी कक्षा में भेजा जाएगा। चांद के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने के लिए चंद्रयान-2 की 48 दिन की यात्रा शुरू हो चुकी है। लॉन्चिंग के 16.23 मिनट बाद चंद्रयान-2 पृथ्वी से करीब 170 किमी की ऊंचाई पर रॉकेट से अलग होकर पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगा रहा था।

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