पुलिस को मिली बड़ी सफलता , वाहन चोरों के गिरोह का किया पर्दाफाश

लखनऊ : लखनऊ में सालभर के अंदर 200 वाहन चुराने वाले गिरोह का पर्दाफाश पुलिस ने किया है। वही गोमतीनगर पुलिस ने शुक्रवार को वाहन चुराने वाले गिरोह को गिरफ्तार किया। गिरोह के चार गुर्गों को पुलिस ने हैनीमेन चौराहे से पकड़ा है। जबकि तीन अन्य साथियों की तलाश की जा रही है।

 

पुलिस

देखा जाये तो गिरोह के सदस्य चोरी किए गए वाहन बहराइच के रास्ते नेपाल में ले जाकर बेचते थे। पुलिस ने चारों के पास से एक ऑटो, स्कूटी और चार बाइक बरामद की है।

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बता दें की अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी सुकीर्ति माधव का कहना है की बाइक चोरों में गोमतीनगर खरगापुर का मोनू दुबे, मलेशेमऊ का रवि उर्फ असफाख, विरामखंड का रोबिन अग्रवाल व बहराइच के मुरतिहा का सतीश है।

फरार साथियों में रायबरेली के बछरावां निवासी राजू, नेपाल के बरदिया का फिदा हुसैन व बहराइच के मुरतिहा का संतोष कुमार की तलाश की जा रही है।

क्षेत्राधिकारी गोमतीनगर अवनीश्वर चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि गिरोह ने सालभर में 200 वाहन उड़ाए हैं। इसमें सबसे अधिक गोमतीनगर, विभूतिखंड और चिनहट थानाक्षेत्र से बाइक चोरी की वारदातें हैं।

गिरोह ने पूछताछ में गोमतीनगर व विभूतिखंड थानाक्षेत्र में सात वारदातें कुबूली हैं।तीन समूहों में बटकर काम करता था ये गिरोह । प्रभारी निरीक्षक गोमतीनगर रामसूरत सोनकर के मुताबिक, गिरोह तीन समूहों में बटकर काम करता था।

लखनऊ व रायबरेली के रोबिन, रवि, राजू और मोनू ऑटो से रेकी करते थे। ऑटो को सुनसान स्थान पर खड़ी बाइक व स्कूटी के पास खड़ा कर देते थे और मौका पाकर लॉक तोड़ देते थे।

अगर वाहन चोरी नहीं कर पाते थे तो ऑटो में बैठकर भाग जाते थे। इसके बाद आसपास घूम रहे गिरोह के दूसरे सदस्य वाहन चोरी कर पार्किंग में खड़ा कर देते थे। कुछ दिन बाद वाहन लेकर बहराइच निकल जाते थे।

जहां से गिरोह का दूसरी समूह मुरतिहा के रास्ते वाहनों को नेपाल सीमा तक ले जाता था। जहां इसके बाद तीसरा समूह नेपाल में वाहनों को ले जाकर बेच देता था।

दरअसल वरिष्ठ उपनिरीक्षक अमरनाथ यादव के मुताबिक, गिरोह के तीन समूह कोडवर्ड में बात करते थे। लाल गुलाब कोड का मतलब होता था नेपाल में लाल रंग के वाहनों की मांग हैं।

इसके बाद ऑन डिमांड वाहन चोरी कर नेपाल पहुंचा देते थे। गिरोह के सदस्यों को 20-25 हजार रुपये प्रत्येक बाइक पर मिलता था।
अगली स्लाइड देखेंबहराइच में तय होता था सौदा, बदली जाती थी नंबर प्लेट

पुलिस के मुताबिक, चोरी किए वाहनों का सौदा बहराइच में होता था। इसके बाद नंबर प्लेट बदलकर वाहन पहुंचाया जाता था और लॉक की चाबी भी बनवाते थे।

फिर नेपाल में बाइक बेचने वाले फिदा हुसैन और संतोष कुमार को वाहन सौंप देते थे।आरोपियों ने कुबूला कि वाहन बेचने के बाद मिले रकम से महंगे और ब्रांडेड कपड़े और जूते खरीदते थे। महंगे होटलों में पार्टी करते थे।

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