ये है 22वीं सदी के पुनर्जन्म की कहानी

 पुनर्जन्ममुरादाबाद| आज के वैज्ञानिक युग में जब हम चन्द्रमा से आगे बढ़ कर मंगल पर जीवन स्थापित करने को अग्रसर हैं। तभी हमारे समाज में होने वाली कुछ घटनाएँ ऐसी होती हैं जिनका जवाब विज्ञान के पास भी नहीं है। विज्ञान ने हमेशा पुनर्जन्म को नकारा है लेकिन हाल ही में मुरादाबाद की एक घटना ने पुनर्जन्म की अवधारणा को बल दिया है। तारापुर गांव में साढ़े चार साल का बच्चा अपने पुनर्जन्म की कहानी सब को सुना रहा है और न सिर्फ सुना रहा है अपने पिछले जन्म से जुड़े सभी लोगों को पहचान भी रहा है। बच्चा राजेश खुद को 35 साल का पप्पू बता रहा है जिसकी मत्यु साल 2010 में गोली मारे जाने से हुई थी।

यह है पूरा मामला
मुरादाबाद जिले के तारापुर में जन्मे राजेश की उम्र साढ़े चार साल है। कुछ दिन पहले राजेश अपने माता-पिता के साथ तारापुर से करीब दो किलोमीटर दूर रामपुर के खरसौल गांव में गया था। वहां राजेश एक पकौड़ी के ठेले पर पहुंचा और पकौड़ी बेंच रहे रिंकू की गोद में चढ़ गया। बार-बार माँ-बाप के बुलाने पर भी राजेश उसके पास से आने को तैयार नहीं हो रहा था। पूछने पर उसने खुद को रिंकू का पिता पप्‍पू उर्फ विश्वम्भर बताया, जिसकी 2010 में हत्‍या हो गई थी। बच्‍चे की इस बात ने सबको चौंका दिया। राजेश ने पहले तो अपने मरने की पूरी घटना बताई। फिर उस घटनास्‍थल का जिक्र किया, जहां पप्‍पू को गोली मारी गई थी। घटनास्थल के पास खंभे की ओर इशारा करते हुए खुद को गोली मारे जाने की दास्‍तां भी सुनाई। यही नहीं बच्चे ने अपनी पीठ पर गोली का निशान भी दिखाया। आप को बता दें कि पप्‍पू की भी पीठ में ही गोली लगी थी। फिर राजेश वहां से बिना किसी की मदद के ही रिंकू के घर भी पहुंच गया। घर में लगी मृतक पप्पू की फोटो पर उंगली रखकर उसे अपनी फोटो बताया। इसके बाद बच्चा मृतक पप्‍पू की पत्‍नी लक्ष्‍मी की गोद में जा बैठा और उसे अपनी पत्‍नी बताने लगा और घर में किए गए बदलाव के बारे में भी पूछने लगा।

 पुनर्जन्म

पीठ में गोली लगने से हुई थी मौत
खरसौल निवासी विश्वम्भर उर्फ पप्पू पकौड़ी का ठेला लगाता था। इसके अलावा वह निंबस कंपनी के लिए बीमा कराने का काम भी करता था। पप्पू की अपने मौसेरे भाई राकेश से घरेलू विवाद के चलते एक दिन ठेले पर ही मारपीट हो गई थी। मामला पुलिस तक पहुंचा और दोनों को जेल में बंद कर दिया गया। परिवार की मानें तो राकेश इसके बाद पप्पू से रंजिश रखने लगा। 2010 में एक दिन पप्‍पू ठेला लेकर घर लौट रहा था, तभी रास्‍ते में खंभे के पास राकेश ने उसे गोली मार दी। गोली पप्पू की पीठ में लगी और उसकी मौत हो गई। कुछ महीनों बाद पुलिस ने भी केस बंद कर दिया।

समाज ने बच्चे को राजेश के रूप में स्वीकार
खरसौल और आस-पास के गांव वाले बच्चे राजेश को पप्पू का पुनर्जन्म मान रहे हैं। पप्‍पू की पत्‍नी लक्ष्‍मी भी राजेश को अपना पति बता रही हैं। राजेश जिस परिवार में पैदा हुआ है, वो भी अब इसे पप्‍पू मानने लगा है। उनका कहना है कि  राजेश में पप्पू की आत्मा वास करती है। राजेश हमेशा रिंकू के घर जाने के लिए जिद करते हुए अपने आपको थप्‍पड़ मारता था।

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