पुजारी को जिंदा जलाए जानें के बाद राजस्थान सरकार की बड़ी मुश्किले, परिजनों ने रखी मांग

करौली। राजस्थान के करौली जिले में पुजारी को जिंदा जलाए जाने का मामला बढ़चा ही चला जा रहा है। परिवार के लोग पुजारी के शव को रख कर सरकार से 50 लाख रुपए, सुरक्षा, परिवार में एक लोग को सरकारी नौकरी के साथ सभी अरोपियो पर सख्त से सख्त करवाई करने की मांग कर रही है। उनका कहा है जबतक मांग पूरी नहीं होती हम ऐसे ही धरने पर बैठे रहेगे। और शव का अंतिम सस्कार नहीं करेगे। वहीं इस मामले को लेकर प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है विपक्षी भी इस मामले को लेकर प्रदेश की सरकार को लगातार धेरते जा रही है।

सपोटरा थाना इलाके में 7 अक्टूबर को बूकना गांव में मंदिर भूमि विवाद में पुजारी बाबूलाल वैष्णव की हत्या कर दी थी। आरोप है कि उनकी जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा करने की नीयत से पहले विवाद किया और बाद में उन्हें पेट्रोल छिड़क कर जिंदा जला दिया। गुरुवार को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

अब इस मामले में गांव वाले 50 लाख रुपए का मुआवजा और किसी एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की मांग पर अड़े हैं। इस बीच स्थानीय सांसद किरोड़ीमल मीणा और पूर्व विधायक मानसिंह गांव पहुंचे। यहां उन्होंने सभी जातियों के पंच-सरपंचों से बैठक की। उन्होंने पुजारी को न्याय दिलाने तक आंदोलन की चेतावनी दी। मामला तूल पकड़ने पर पुलिस ने एक आरोपी कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया। बाकी फरार हैं।

बाबूलाल की मौत से पहले दिए बयान में ने बताया था कि कैलाश मीणा अपने लोगों शंकर, नमो, किशन और रामलखन के साथ मंदिर के बाड़े पर कब्जा करके छप्पर लगा रहा था। इसका विरोध करने पर उसने पेट्रोल डालकर आग लगा दी। पुजारी बाबूलाल ने बताया था कि उसका परिवार मंदिर की 15 बीघा जमीन पर खेतीबाड़ी करके अपना गुजारा करता था।

बाबूलाल वैष्णव बूकना गांव के पुराने राधाकृष्ण मंदिर के पुजारी थे। इस मंदिर के लिए गांववालों ने खेती दान की थी। यह राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। पिछले एक महीने से आरोपी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे। इसकी शिकायत पंचायत में की गई थी। घटना के कुछ दिन पहले ही गांव में बैठक हुई थी और आरोपियों के समझाइश दी गई थी। लेकिन प्रशासन और पुलिस की लापरवाही की वजह से आरोपियों के हौसले बुलंद होते चले गए। जिसके चलते मंदिर के पुजारी को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।

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