पीलीभीत में सामने आई डाक्टरों की लापरवाही, नसबंदी के 6 महीने गर्भवती हुई महिला

REPORT-RITIK DWIVEDI/Pilibhit

दरअसल बीसलपुर थाना कस्वा क्षेत्र के गांव लाडपुर निवासी कमलेश कुमारी के 5 बच्चे है जिसमे 3 बेटिया और 2 बेटे है। कमलेश कुमारी के पति लालू मजदूरी का काम करता है.

आर्थिक स्थिति ठीक ना हाेने से परिवार का सिर्फ गुजारा चला रहा है, जिसके चलते पीड़ित ने 6 जनवरी काे सामुदायिक स्वास्थ्य बीसलपुर में डाक्टराें द्वारा नसबन्दी करवाई थी.

नसबंदी फेल

नसबंदी के समय पीड़िता काे नसबंदी कराने का काेई साक्ष्य नही दिया गया था। 6 महिने बीत जाने के बाद पीड़िता काे उल्टी आैर दर्द हाेने से उसे बीसलपुर सीएचसी में भर्ती कराया गया जहां उसकी जांच व अल्ट्रासाउंड किया गया।

जांच के बाद रिपोर्ट में 3 माह का बच्चा हाेने की पुष्टि हुई जिससे पीड़िता ड़ग रह गई बही जब पीड़ित ने सम्बंधित डाक्टराें से कहा की मैने ताे नसबंदी करायी थी फिर भी मेरे गर्भ में यह बच्चा कैसे हाे गया तब डाक्टराे ने बच्चे की सफाई कराने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया।

सराकरी नियमनुसार नसबंदी कराने के 9 माह के बाद ही नसबंदी का साक्ष्य मिलता है। फिलहाल पीड़ित महिला ने SDM बीसलपुर से लेकर जिले के तमाम आला अधिकारीयाे सहित मुख्यमंत्री से शिकायत की है.

जानिए बहुत जल्द इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के बदले जाएंगे नाम , फेसबुक ने दी मंजूरी…

जिसमे उसने अपनी साथ हुई आपबीती बताई है फिर भी अभी तक ना काेई कार्यवाही की गई और ना ही पीड़ित महिला काे आश्वासन मिला है।

वही जब मामले की जानकारी सीएमओ सीमा अग्रवाल से ली गई ताे उनका कहना है, नसबंदी के समय मरीज काे बताया जाता है कि नसबंदी 2℅ फैल भी हाे जाती है. दिशा निर्देश के अनुसार नसबंदी फैल हाेने का पता लगते ही स्वास्थ्य विभाग काे बताने पर 90 दिनाे के अन्दर उसे लाभ के रुप मे 30 हजार रुपये सरकार के द्वारा मिलेगा।

LIVE TV