पाकिस्तान को जंग नहीं पानी से हराएगी मोदी सरकार, सबसे बड़े फैसले से बस एक कदम दूर
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने का फैसला कर लिया है। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को जिंदा रखने वाली सिंधु नदी का पानी रोकने का संकेत दिया है। अगर ऐसा हुआ तो पूरा पाकिस्तान प्यास से मारा जाएगा।
पाकिस्तान को झटका
गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने केन्द्र सरकार की बड़ी रणनीति की तरफ इशारा किया। उन्होंने कहा, ‘किसी भी संधि में दोनों ओर से आपसी समझ दिखाई जाती है। यह सिर्फ एक तरफ से नहीं हो सकता।’ विकास स्वरूप ने सिंधु नदी समझौते पर दिया।
उन्होंने इस्लामाबाद में होने वाले सार्क सम्मेलन पर कहा, ‘उनकी ओर से आने वाले हर सवाल का जवाब ‘हां या न’ में देना जरूरी है।’ प्रवक्ता ने कहा कि हमें अब कोई डोजियर नहीं चाहिए। दुनिया जानती है कि पाकिस्तान में आतंकवाद को खुली पनाह दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित करना ही होगा। भारत ने अमेरिका के उन दो सांसदों का भी समर्थन किया, जिन्होंने पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित करने का प्रस्ताव रखा है।
उरी हमले पर विकास स्वरूप ने कहा, ‘यूके, फ्रांस, सऊदी अरब समेत तमाम देशों ने इस हमले की कठोर निंदा की है।’
विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के उस बयान पर भी तीखा जवाब दिया, जिसमें उन्होंने आतंकी बुरहान वानी को नेता बताया था। विकास स्वरूप ने कहा, ‘यूएन में नवाज शरीफ का साथ किसी ने नहीं दिया।’ उन्होंने कहा कि अब हम जवाब देंगे। आपको इस जवाब की गूंज जल्द सुनाई देगी।
सिंधु नदी समझौता
1960 में हुई सिंधु नदी संधि आधुनिक विश्व के इतिहास का सबसे उदार जल बंटवारा है। इसके तहत पाकिस्तान को 80.52 फीसदी पानी यानी 167.2 अरब घन मीटर पानी सालाना दिया जाता है। दरअसल सिंधु समझौते के तहत उत्तर और दक्षिण को बांटने वाली एक रेखा तय की गई है, जिसके तहत सिंधु क्षेत्र में आने वाली तीन नदियां पूरी-की-पूरी पाकिस्तान को भेंट के तौर पर दे दी गई हैं और भारत की संप्रभुता दक्षिण की ओर तीनों नदियों के बचे हुए हिस्से में ही सीमित रह गई है। सिंधु की इन नदियों से पाकिस्तान की प्यास बुझती है। अगर इन नदियों का पानी रोक दिया जाए, तो पाकिस्तान की पूरी आबादी प्यास से मारी जाएगी।