आखिरकार मजबूर हुआ पाकिस्तान, अपने हाथों से घोंटना होगा 2000 आतंकियों का गला

पाकिस्तानइस्लामाबाद। पाकिस्तान ने ‘मजबूरी’ में आतंकवाद की रीढ़ तोड़ने का फैसला ले लिया है। यहां के केन्द्रीय बैंक (स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान) ने आतंकी संगठनों तक अरबों रुपए पहुंचाने वाले खातों को फ्रीज करने का निर्देश दिया है।

अमेरिका में पाकिस्तान को आतंकी राष्‍ट्र घोषित करने के प्रस्ताव के सामने आने के बाद यह फैसला लिया गया है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान अब अपनी छवि बचाने में लग गया है।

अगर पाकिस्तान पर आतंकी राष्‍ट्र धब्बा लगा तो उसे अमेरिका समेत तमाम देशों से मिलने वाली मदद पर बैन लग सकता है। इससे पाकिस्तान भयंकर संकट में घिर सकता है।

पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक 2021 ऐसे खाते फ्रीज किए जाएंगे, जिनके जरिए अरबों रुपए आतंकी संगठनों तक पहुंचने की आशंका बनी रहती है। इन खातों की लिस्ट तैयार कर ली गई है। इन खाताें को चलाने वाले लोग भी आतंकी ही माने जा रहे हैं।

यह कार्रवाई एंटी टेरेरिज्म एक्ट 1997 के तहत की जाएगी। बैंक के एक अधिकारी ने बताया है कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने देश के सभी बैंकों, वित्तीय संस्थाओं और माइक्राफाइनेंस बैंकों से अपील की है कि किसी भी सूरत में कानून न तोड़ें। इन सभी को नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी ने एक लिस्ट भेजी है, जिसमें उन सभी खातों की जानकारी सील है, जो आतंकी संस्थाओं को मदद देती हैं।

इस लिस्ट के 1443 लोग पाक के पंजाब के रहने वाले हैं। वहीं सिन्ध के 226 लोग, बलूचिस्तान के 193, गिलगिट और बाल्टिस्तान के 106, इस्लामाबाद के 27 और पाक अधिकृत कश्‍मीर के 26 लोग शामिल हैं। इनमें कुछ ऐसे नाम भी हैं, जिनके मौत हो चुकी है।

खबर यह भी है कि आतंकियों की मदद करने वाले लोगों की कुल संख्‍या आठ हजार तक हो सकती है। लेकिन पहले चरण में सिर्फ एक चौथाई लोगों पर निशाना साधने की तैयारी है।

हालांकि अभी किसी बैंक, वित्तीय संस्थाओं या माइक्राफाइनेंस बैंक की ओर से यह जवाब नहीं आया है वह स्टेट बैंक ऑफ पाक की इस अपील को मानेंगे।

 

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