जानें ऐसे दो जोड़ो के बारे में जिन्होंने अपनी शादी पर पर्यावरण से भी जोड़ा रिश्ता
शादी एक ऐसा बंधन है जिसमे न केवल दो लोग बल्कि परिवार व रिश्तेदार भी आपस में जुड़ जाते है। अब ऐसे में अगर दो परिवारों के साथ इनकी सोच समझ भी आपस में मिल जाएं तो समाज को इसके कई सारे फायदे हो सकते है। ऐसी ही एक सोच के साथ देश के दो अलग-अलग हिस्सों में हुई शादी में दुल्हा व दुल्हन परिवार व रिश्तेदारों से पर्यावरण सरंक्षक का वचन लिया।
शादी के मौके पर पौधे लगाने और शगुन में पौधे देने को कहा। इन लोगों का ये मानना है कि जब हम एक नए रिश्ते की शुरुआत कर ही रहें है तो इसके साथ ही हमें पर्यावरण के साथ भी नया रिश्ता जोड़ना चाहिए। जिससे की हम उसे बचा सकें। आज आपको दो ऐसे ही कपल्स के बारे में बताएगें जिन्होंने अपनी शादी पर पर्यावरण के साथ भी रिश्ता जोड़ा हैं।
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पहले लगाएं फलदार व छायादार पौधे फिर लेकर आएं बारात
ग्वालियर के इंद्रमणि नगर के रहने वाले पंडित अशोक दुबे की बेटी नीतू शहर की शादी श्योपुर के रहने वाले डॉ. आशु के साथ तय हुई। वह शहर के एक निजी स्कूल में शिक्षक का काम करती हैं। अपनी शादी से पहले लड़के वालों के सामने एक शर्त रख दी जिसे लड़के वालों को पूरा करना पड़ा। उन्होंने कहा कि उनकी शादी से पहले लड़के वालों को 100 फलदार व छयादार पौधे लागने होगें जिन्हें जिनका वह जिदंगी भर ध्यान रखेगें। इस शर्त को पूरा करने के बाद ही वह बारात लेकर घर आ सकते हैं।
भाई के जरिए रखी शर्त
यह शर्त लड़के वालों तक अपने भाई कमल के जरिए रखी। आशु के पिता उपेंद्र दीक्षित जो कि एसडीओपी है ने वचन दिया की प्रशासन से बात करते एक महीने के अंदर पौधे लगाएंगें। खास बात यह है कि इन पौधों की हाइट भी उनके पुत्र व पुत्रवधु की हाइट के बराबर होगें।
सबको करनी चाहिए पर्यावरण की चिंता
नीतू का कहना है कि अखबार और चैनलों में खबरें देखने-पढ़ने को मिलती है कि लोग गर्मी के कारण किस तरह से मर रहे हैं। महाराष्ट्र समेत कई जगह लोग एक-एक बाल्टी पानी के लिए तरस रहे हैं।जो की काफी दुख की बात है। वह अपने परिवार और फ्रेंड सर्किल के साथ अक्सर पौधरोपण में भाग लेती हैं। उनका मानना है कि शादी में पौधे लगा कर वह एक अच्छा काम कर रही हैं।
शादी में लिया शगुन पर लिए 21 पौधे
बरेली के गांव अमरौली के दुल्हे ने अपनी शादी के शगुन में 21 पौधे लिए। वहीं जयमाला के दौरान आशीर्वाद में सबसे स्वच्छता व पौधारोपण का वचन लिया। यह कहानी है बरेली के गांव अमरौली निवासी मनीष पुत्र हरदयाल और एटा के गांव अंबरपुर की लड़की राजमाला की शादी की। जिनकी शादी में दुल्हा व दुल्हन दोनों ने मिलकर झाड़ू लगाकर स्वच्छ पर्यावरण का संदेश दिया।
वहीं नए जीवन की शुरुआत पर पौधारोपण करने का संदेश दिया। जयमाला के दौरान एक बैनर पकड़ा जिस पर स्लोगन लिखा था कि ‘हमने बस यहीं जाना है कि भारत को स्वच्छ बनाना हैं’। इससे पहले बारात लेकर आए दुल्हे ने गांव में पहुंच कर रिश्तेदारों के साथ झाडू लगाया उसके बाद , सुबहर दुल्हन की विदाई के समय दुल्हा दुल्हन ने पूरी जगह को साफ किया। वहीं शगुन के तौर पर मिले पौधों को गांव में लगा दिया।
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गांव में गंदगी देख लिया संकल्प
मनीष कुमार ने सफाई का संकल्प तब लिया था जब वह राजमाला को देखने गांव में आए थे। तब उन्होंने देखा कि वहां काफी गंदगी है, महिलाएं खुले में शौच जाती है। ऐसे में पहले उनके मन आया कि वह यहां शादी न करें लेकिन फिर उन्होंने यहां शादी कर लोगों को जागरुक करने के बारे में सोचा। गांव वालों से शौचालय बनवाने का प्रण लिया। इस बारे में उन्होंने अपनी पत्नी से पहले ही बात कर ली थी।