पति के सामने 5 गुंडों ने पत्नी से किया रेप , बना वीडियो किया वायरल !

2 लाइन में खबर चली फिर कहानी खत्म. लेकिन खबर इतनी ही नहीं है | खबर भयावह है | इस खबर में वो सारे तत्व है जिसकी वजह से इंसान का पुलिस और प्रशासन पर विश्वास कम हो जाए | आपको खबर विस्तार से बताते हैं |

घटना 26 अप्रैल की है. एक महिला अपने पति के साथ अलवर के लालवाड़ी से तालवृक्ष जा रही थी | तभी इलाके के 5 बदमाशों ने आकर उन्हें घेर लिया | उन्होंने पति-पत्नी के साथ ज़बरदस्ती की |

सभी बदमाश पति-पत्नी को डरा-धमका कर पास के टीले पर लेकर गए | वहां बदमाशों ने पति-पत्नी के कपड़े खुलवाए, बदसलूकी की | फिर पति के सामने ही पत्नी के साथ गैंग रेप किया |

बात यहीं नहीं रुकी | सभी बदमाशों ने पूरे वारदात का वीडियो भी बनाया | तस्वीरें भी खींची | साथ ही साथ धमकी दी कि अगर उन्होंने मुंह खोला तो वीडियो और तस्वीरों को सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे |

करीब 2 घंटे बारी-बारी से रेप करने के बाद बदमाश पति-पत्नी को उस वक्त के लिए छोड़ तो दिया | लेकिन उन्होंने उन लोगों का पीछा नहीं छोड़ा | एफआईआर में लिखी बातों के मुताबिक आरोपी ने उन्हें फिर से फोन किया|

फोन करके वीडियो वायरल करने की धमकी देकर पैसे मांगने लगे | महिला ने कहा कि वो गरीब है उसके पास पैसे नहीं हैं | जिसके बाद आरोपियों ने तस्वीरें और वीडियोज़ सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए |

पीड़िता ने इस मामले की जानकारी पुलिस को दी|  2 मई को एफआईआर दर्ज करवाया. 8 धाराओं में एफआईआर भी दर्ज हुई. लेकिन आरोपियों को पुलिस पकड़ नहीं पाई. पुलिस ने तर्क दिया कि उनकी टीम चुनाव में व्यस्त थी. मामला मीडिया में उछला तो पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए 5 टीमें तैयार कर दी.

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पुलिस ने ये भी बताया कि आरोपी शख्स गुर्जर समाज से हैं, और सभी का राजनीतिक प्रभाव है. जिसकी वजह से महिला ने एफआईआर दर्ज करने में देरी कर दी. लेकिन अब पुलिस आरोपियों को जल्द पकड़ लेगी.

इस घटना से राजस्थान गुस्से में हैं. लोग गुस्से में महिला का वीडियो एक दूसरे को वायरल कर रहे हैं. पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए इस घटना का वीडियो एक दूसरे को फॉरवार्ड कर रहे हैं. विपक्ष सरकार पर सवाल उठाते हुए वीडियो शेयर कर रहा है.

हमारा कहना है लोगों को ऐसा करने से बचना चाहिए. ये घटना भयानक तो है ही. लोगों में गुस्सा तो है ही लेकिन जाने-अनजाने में ऐसा करके किसी महिला के निजता का हनन कर रहे हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए.

ये घटना 26 अप्रैल की है. मुकदमा 2 मई को दर्ज हुआ. लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की. क्योंकि ‘वे चुनाव में व्यस्त थे’. हमारा मानना है कि ऐसे मामले में पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए. ऐसा ना करने पर ही लोगों को पुलिस जैसे संस्थान पर से विश्वास कम हो जाता है. अब पुलिस लाख तर्क दें, लेकिन घटना के इतने दिन बीत जाने पर भी पुलिस की बेरुखी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल ज़रूर उठाती है.

 

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