पढ़ाई की जगह के बजाय बच्चों के कराई जा रही मजदूरी!

रिपोर्ट- राम चंद्र सैनी

फतेहपुर- सरकार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने का भर्षक प्रयास भले ही कर रही हो लेकिन विद्यालयों में तैनात अध्यापक सरकार के मंसा को पलीता लगाने से बाज नहीं आरहे है। वहीँ यूपी के फतेहपुर जिले में तो हालत यह है कि राजकीय विद्यालय में पढाई करवाने के बजाय बच्चों से खुरपी और फावड़ा चलवाया जा रहा है।

ताज़ा मामला फतेहपुर जिले के हसवा विकास खण्ड के एकारी गांव में स्थित राजकीय हाईस्कूल का है जहाँ बच्चों को पढ़ाने के बजाय उनसे रोज दो घण्टे तक घास छिलवाई जाती है, इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे अगर इस बात का विरोध करते है कि वह लोग इस काम को नहीं करेंगे तो उन्हें प्रैक्टिकल में मिलने वाले अंक काट लेने की धमकी दी जाती है।

इस विद्यालय में कुल 90 छात्र छात्राएं शिक्षा ग्रहण करते है, इनको पढ़ाने की जिम्मेदारी विद्यालय में तैनात केवल दो शिक्षिकाओं में ऊपर है, जिसमे से एक शिक्षक अक्सर स्कूल से गायब रहती है स्कूल आने वाले बच्चों को पढ़ाना न पड़े इससे बचने के लिए यहाँ तैनात प्रिंसिपल ने अनोखा तरीका इजात कर लिया है, बच्चों को पढाई के बजाय सवेरे स्कूल आते ही उन्हें खुरपी और फावड़ा पकड़ा दिया जाता है ।

और बच्चे प्रैक्टिकल में नंबर न कटे इस लालच में सफाई का काम करने पर मजबूर है, किताब छोड़कर फावड़ा चलाने पर मजबूर हो रहे यह बच्चे प्रिंसिपल की धमकी के आगे मजबूर होकर काम कर रहे है, गरीब परिवारों से सम्बन्ध रखने वाले इन बच्चों के अभिवावक को अपने बच्चों का भविष्य बनाने के लिए उन्हें स्कूल भेजते है लेकिन विद्यालय में तैनात प्रधाना अध्यापिका इन बच्चों को पढ़ाने के बजाय उनसे सफाई का काम करवा रही है।विद्यायल में सफाई का काम कर रहे बच्चे तो प्रधाना अध्यापिका के सामने ही उनकी पोल खोल कर रख दे रहे है।

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लेकिन प्रधाना अध्यापिका का इस मामले में कुछ और ही कहना है। वहीँ डीएम संजीव कुमार ने बताया की यह मामला मेरे संज्ञान में आया है , इस मामले में मेरे द्वारा डीआईओएस को जांच के लिए निर्देशित किया है , जांच के बाद जो भी बात सामने आएगी उसी अनुसार कार्यवाही की जायेगी।

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