नागरिकता संशोधन बिल से किसे मिलेगा फायदा किसका होगा नुकसान जानें…

पूरे देश में कल लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन विधेयक बिल पास हो गया. यह विधेयक अब राष्ट्रपति के पास जाएगा जहां पर अंतिम मुहर लगेगी. फिर यह विधेयक कानून का रुप ले लेगा. राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 125 वोट पड़ें जबकि विपक्ष में 99 वोट पड़ें. गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में इस बिल को पेश किया. साथ ही उन्होंने इस बिल पर जवाब भी दिया.

नागरिकता संशोधन बिल

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में इस विधेयक पर चर्चा की और साफ तौर पर कहा कि मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं होगा. उन्होंने आगे कहा कि अगर देश का विभाजन धर्म के अधार पर ना हुआ होता औऱ देश का विभाजन ही ना हुआ होता तो इस बिल की कोई जरुरत ही ना होती. देश को विभाजन ने बांटा था ना कि यह विधेयक बांटेगा.

इस बिल में क्या खास है, किस पर विपक्ष कर रहा है विरोध और इसके लागू होने के बाद क्या होंगे बदलाव, यहां समझें…

  1. नागरिकता संशोधन बिल क्या है?

जो बिल संसद से पास हुआ है, वह नागरिकता अधिनियम 1955 में बदलाव करेगा. इसके तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान समेत आस-पास के देशों से भारत में आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी धर्म वाले लोगों को नागरिकता दी जाएगी.

   2. कैसे भारत की नागरिकता मिलना होगा आसान?

इस बिल के कानून में तब्दील होने के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान जैसे देशों से जो गैर-मुस्लिम शरणार्थी भारत आएंगे, उन्हें यहां की नागरिकता मिलना आसान हो जाएगा. इसके लिए उन्हें भारत में कम से कम 6 साल बिताने होंगे. पहले नागरिकता देने का पैमाना 11 साल से अधिक था.

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  1. बिल पर किस बात का विरोध हो रहा है?

इस बिल को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरा. विपक्ष का मुख्य विरोध धर्म को लेकर है. नए संशोधन बिल में मुस्लिमों को छोड़कर अन्य धर्मों के लोगों को आसानी से नागरिकता देने का फैसला किया गया है. विपक्ष इसी बात को उठा रहा है और मोदी सरकार के इस फैसले को धर्म के आधार पर बांटने वाला बता रहा है.

  1. एनडीए में ही हुआ बिल का विरोध?

मोदी सरकार के लिए इससे बड़ी सफलता किया होगी जब उसी की एनडीए पार्टी ने इस बिल का विरोध किया. साथ ही असम में भी उसी के गठबंधन का पार्टी असम गण परिषद ने भी इस बिल का जोरदार विरोध किया था.  उनको भी लगता है कि यह बिल जनता के अधिकार का हनन करना है.

 

 

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