नशे की दवा देकर छोटी बच्चियों का होता रहा रेप, पुलिस ने 6 दिन बाद किया केस दर्ज

महाराष्ट्र के चंद्रपुर में राजुरा नाम की जगह है. यहां कांग्रेस के पूर्व विधायक सुभाष धोटे का इन्फेंट जीजस नाम का कॉन्वेंट स्कूल है. इस स्कूल में पढ़ने वाली आदिवासी लड़कियों के लिए एक हॉस्टल है. जिसके डायरेक्टर सुभाष धोटे ही हैं.

6 अप्रैल को हॉस्टल की 8 से 10 साल की उम्र की दो बच्चियों ने पेट में दर्द होने की बात कही. उन्हें राजुरा में एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालत गंभीर होने की वजह से उन्हें चंद्रपुर जीएमसीएच भेजा गया. जांच में डॉक्टर ने देखा कि दोनों बच्चियों के प्राइवेट पार्ट्स में सूजन है. डॉक्टर्स ने रेप होने की आशंका जताई.

 

मेडिकल जांच में दोनों बच्चियों के साथ रेप होने की बात सामने आई. जांच में ये भी पता चला कि सभी बच्चियों को सिडेटिव (नशे वाली)  ड्रग की ओवरडोज दी गई थी. बाद में और बच्चियां सामने आईं. मेडिकल के बाद करीब सात बच्चियों के साथ रेप की बात कंफर्म हुई.

पुलिस ने बच्चियों के साथ रेप का मामला छह दिन बाद 12 अप्रैल को दर्ज किया. छह दिन तक मामला दर्ज न होने की वजह से बच्चियों के मां-बाप ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन भी किया. बच्चियों की मां ने हाईकोर्ट में पेटिशन दाखिल कर मांग की है कि जल्दी से जल्दी उन्हें न्याय दिया जाए.

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22 अप्रैल को पुलिस अधीक्षक माहेश्वर रेड्डी से बात की. उन्होंने बताया कि हॉस्टल के अधीक्षक, उपाधीक्षक हॉस्टल, स्टाफ की दो महिलाओं और एक चौकीदार को गिरफ्तार किया गया है.

 

पांचों के खिलाफ सात आदिवासी छात्राओं को बेहोशी की दवा देकर रेप के आरोप में पॉक्सो के तहत मामला दर्ज किया है. मामले की जांच के लिए जिला लेवल पर एसआईटी गठित की गई है. बच्चियों को घर भेजकर हॉस्टल सील कर दिया गया है. हॉस्टल की मान्यता खत्म कर दी गई है.

पीड़ित बच्ची के पिता ने आज तक के रिपोर्टर पंकज खेलकर को बताया कि उन्होंने बेटी का पांचवीं क्लास में एडमिशन कराया था. बच्ची तभी से लगातार सिर और पेट में दर्द की शिकायत करती थी. बच्ची ने बताया कि उसे नशा जैसा लग रहा है. इसके बाद बेटी को अस्पताल में भर्ती कराया जहां ये सब पता चला.

 

 

समाज सेविका डॉक्टर रजनी हजारे ने कहा कि हॉस्टल में बच्चियों को ये ड्रग ओआरएस में मिलाकर दिए जाते थे. ड्रग देकर बेहोशी की हालत में रेप किया जाता था. कुछ बच्चियों ने बताया कि ऐसा एक साल से किया जा रहा था.

बता दें कि इस हॉस्टल सरकार से अनुदान मिलता है. और हर स्टूडेंट के लिए 50 हजार रुपये साल के मिलते हैं. सरकारी योजनाओं के तहत निजी कॉन्वेंट स्कूलों में आदिवासी स्टूडेंट्स को अच्छी शिक्षा मिलने के लिए हॉस्टल खोले गए हैं.

 

कांग्रेस के पूर्व विधायक और कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुभाष धोटे इस पूरे मामले पर निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं.

 

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