आचार संहिता के दौरान नगदी लेकर बेख़ौफ़ चलें, बस जान लें पुलिस से बचने का रास्ता
नई दिल्ली: चुनाव का समय ऊपर से नोटबंदी का दौर। इन दोनों गतिविधियों ने लोगों के नगदी लेकर चलने पर संकट खड़ा कर दिया है। इससे एक बार फिर कारोबारियों और शादी-व्याह वाले परिवारों को परेशानी हो रही है। कैश लेकर चलने में लोग डर रहे हैं। कहां, किस रोड पर पुलिस, उड़नदस्ता व सर्विलांस टीम के सवालों का जवाब देना पड़ जाए पता नहीं। उसके बाद कैश तो जब्त, कानूनी कार्रवाई अलग से।नोटबंदी के बाद कैश की किल्लत से लोगों को थोड़ी निजात मिली थी कि इधर विधानसभा चुनाव की आचार संहिता ने कैश लेकर चलने वालों को डरा दिया है। इससे कारोबारियों और शादी-ब्याह वाले परिवार ही नहीं अन्य लोग भी परेशान हैं। हार्डवेयर व पेंट कारोबारी सर्वेश जायसवाल बताते हैं कि बिक्री के एक-एक पैसे का हिसाब देना बहुत कठिन है।
नगदी लेकर चलने पर संकट से न हों परेशान बस जागरूक रहें..
डरे नहीं, जागरूक रहें: चुनाव के दौरान कैश, शराब, अवैध असलहा, उपहार, अवैध चुनाव सामग्री पर रोक लगाने लिए उड़नदस्ता टीमें, सर्विलांस टीमें और पुलिस निगाह रखती है। इससे आम लोगों को डरने की नहीं जागरूक रहने और प्रशासन का सहयोग करने की जरूरत है।
सीटीओ व नोडल अधिकारी व्यय अनुवीक्षण संजय सिंह बताते हैं कि कैश ले जाते समय लोगों को थोड़ा सचेत रहने की जरूरत है। कैश ले जाते समय साक्ष्य भी साथ रखें।
अगर बैंक से कैश लाए हैं तो उसकी पर्ची या बैंक पासबुक में एंट्री करा लें। उधार की वसूली कर के आ रहे हैं तो उसके बिल बाउचर भी साथ रख लें।
चुनाव आयोग से शिकायत करेंगे व्यापारी: नगदी लेकर चलने पर संकट से परेशान व्यापारियों का कहना है कि जिला प्रशासन चुनाव आचार संहिता के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न कर रही है। उत्तर प्रदेश युवा व्यापार मंडल के अध्यक्ष अतुल जैन ने कहा कि आचार संहिता के नाम पर प्रदेश भर में जिला प्रशासन व्यापारियों की गाढ़ी कमाई जब्त कर रही है।
सीटीओ संजय सिंह बताते हैं इस कार्रवाई का उद्देश्य केवल चुनाव में पैसे व उपहार के बेजा इस्तेमाल पर रोक लगाया जाना है। किसी व्यक्ति को परेशान करना नहीं। अगर कोई व्यक्ति मौके पर साक्ष्य नहीं दिखा पता है और जब्ती की कार्रवाई हो जाती है।
इस सूरत में उस व्यक्ति को घबराने की जरूरत नहीं है। उसकी सुनवाई एक दिन में होगी। वह साक्ष्य, बिल-बाउचर, कैश मेमो, बैंक के कागजात आदि दिखकर अपना पक्ष रख सकता है। जांच में साक्ष्य सही पाए जाने और इसका इस्तेमाल चुनाव में न होने की बात सिद्ध होने पर उसका पैसा तुरंत मुक्त कर दिया जाएगा।
जांच के दौरान अगर किसी प्रत्याशी, पार्टी कार्यकर्ता या एजेंट के किसी वाहन में 50 हजार से अधिक नगदी पाई जाती है तो उसे जब्त किया जा सकता है। साथ ही गाड़ी में 10 हजार से अधिक की उपहार सामग्री व प्रचार सामग्री, जिसको वोटरों के बीच बांटने की संभावना बनती है तो भी उसे जब्त किया जा सकता है। इस सूरत में संबंधित व्यक्ति को पैसे व उपहार का उचित साक्ष्य दिखाना होगा।