धोखाधड़ी की कोचिंग… फर्जी सिम और वोटरकार्ड बना लगाते थे चपत

देवरिया की कोचिंग सेंटरदेवरिया। फर्जी सिम और पहचान पत्र बनाने वाले एक बड़े गिरोह का खुलासा हुआ। देवरिया की कोचिंग सेंटर में कई सालों से फर्जीवाड़े का ये गोरखधंधा चल रहा था। कोचिंग के मालिक ने कई नेटवर्किंग कंपनियों में काम करने वालों से साठ-गांठ कर रखी थी। पुलिस ने उन सभी लोगों को धर दबोचा है जो इस काम में कहीं न कहीं मुख्य संचालक से मिले हुए थे।

देवरिया की कोचिंग सेंटर में छापा  

ख़बरों के मुताबिक़ सांसद बनकर डीआईओएस से सेंटर बनवाने का मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने इस फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया। ये लोग विधायक को धमकी देकर मनचाहा काम कराने के लिए काफी दिनों से दबाव बना रहे थे।

मास्टरमाइंड गूगल की मदद से कई विधानसभा की वोटरलिस्ट, दूरदराज के फोटो डाउनलोड कर धोखाधड़ी का काम करता था। करीब दो लाख रुपये प्रतिमाह आमदनी होती थी। धोखाधड़ी से तैयार की गई आरोपियों की संपत्ति जब्त की जाएगी।

एसपी मोहम्मद इमरान ने बताया कि फर्जी पहचान पत्र पर एक्टीवेट सिमकार्ड बेचने की सूचना मिल रही थी। जिसके बाद प्रभारी कोतवाल, एसएसआई मृत्युंजय पाठक, बीबी सिंह, दरोगा संतोष सिंह, सर्विलांस सेल के विमलेश सिंह और राहुल सिंह की टीम लगाई गई। सुभाष चौक के पास टीम ने बाइक सवार दो संदिग्धों को पकड़ा।

उनकी पहचान भटवलिया निवासी रविन्द्र नाथ सिंह, रानीघाट निवासी भीम गुप्ता के रुप में हुई। तलाश के दौरान उनके पास से काफी फर्जी आईडी मिली।

पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि वो लोग सिंधी मिल में जीआईआईटी कोचिंग चलाने वाले देवेंद्र कुशवाहा के यहां काम करते हैं।

इसके बाद पुलिस ने कोचिंग संचालक राघवनगर निवासी देवेंद्र कुशवाहा, खुखुंदू मकुनही निवासी मयंक तिवारी, गायत्रीपुर पिड़रा रोड निवासी राहुल बरनवाल को गिरफ्तार किया।

पुलिस ने इनके पास से तीन लैपटॉप, पांच सीपीयू, पांच प्रिंटर, साठ हजार मतदाता पहचान पत्र, आठ मोबाइल, 67 हजार रुपये नकद, 26 एक्टिवेटेड सिमकार्ड बरामद किए हैं।

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