तीसरी बार जलस्तर में हुई बढ़ोतरी, एक परिवार ने नाव पर ही बनाया आशियाना

 REPORT- SYED RAZA 

प्रयागराज।  सितंबर के महीने में प्रयागराज में पानी का प्रहार या कहे की जल प्रलय देखने को मिल रहा है । इन दिनों प्रयागराज में दोनों नदियां विकराल रूप धारण की हैं जिसकी वजह से प्रयागराज के दर्जनों मोहल्ले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं ।दोनों नदियों के किनारे बने सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है ।

प्रयागराज

दारागंज ,छोटा बघाड़ा ,नेवादा के घरों में 10 से 12 फीट तक पानी भर गया है। गंगा यमुना के तटीय इलाकों में रह रहे लोग मारे दहशत के रात भर जाग रहे हैं। सैकड़ों घरों की एक मंज़िल इमारत डूब गई है जबकि दूसरी मंजिल पर पानी पहुंचने के करीब है। हमारी लाइव टुडे की टीम ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया तो तस्वीरें इतनी भयावह दिखी की लोग अपने घरों में कैद हैं और कई घरों के सामने नाव खड़ी दिखी  और यही नाव अब लोगो का एकमात्र सहारा  ही रह गया है।

गंगा और यमुना का जल स्तर बीते शुक्रवार से तेजी से बढ़ा है और दोनों नदियां खतरे के निशान के करीब पहुंच गई हैं पहाड़ों में हुई बारिश और डैम से छोड़ा गया पानी तेजी से दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ा रहा है। जिन सड़कों पर फर्राटे से गाड़ियां दौड़ती थी अब उन सड़कों पर नाव चल रही है ।

दोनों नदियों में आई बाढ़ से आखिर कितने इलाके प्रभावित हैं और लोगों को क्या परेशानी हो रही है इसके लिए हमारी लाइव टुडे की टीम भी ग्राउंड जीरो पहुंची और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायज़ा लिया। कॉवेरेज के दौरान एक परिवार ऐसा भी मिला जो बीते कई दिनों से नाव पर ही अपनी जिंदगी बिता रहा हैं ।नाव में ही किचन ,जरूरत के सामान और रात होने पर   बीच दरिया में उसी नाव में पूरा परिवार सोने को मजबूर है।

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जब हमने पीड़ित परिवार से बात की तो उन्होंने कहा कि बीते कई दिनों से उनका पूरा परिवार नाव पर ही रहने को मजबूर है ।  जल स्तर बढ़ने से उनका घर पूरी तरीके से डूब गया और अभी तक सरकार की तरफ से कोई भी उन तक नहीं पहुंचा है ।एक घर की ही तरह नाव को पूरा कमरा नुमा सजाया गया है परिवार के तीनो लोग दिन भर नाव में रहने के बाद उसी नाव में रात होने पर सोते भी हैं। पीड़ित परिवार अब जल्द से जल्द जलस्तर कम हो इसके लिए दुआ मांग रहा है।

इसके बाद जब हम और आगे बढ़े तो सैकड़ों घर बाढ़ की चपेट में डूबे हुए नज़र आये, ऐसी तस्वीर भी देखने को मिली जहा लोग घरों की छत पर  बैठे हुए नजर आए । इस साल दोनों नदियों के जलस्तर में तीसरी बार बढ़ोतरी हुई है जिसकी वजह से पानी ने कई घरों को अपनी आगोश में ले लिया है बच्चे या तो नाव से स्कूल जा रहे हैं या फिर घर में ही कैद हो गए हैं तो उधर बुज़ुर्ग भी दोनों नदियों के रौद्र रूप से सहमे हुए हैं

तेजी से बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम का गठन करके कई क्षेत्रों में तैनात कर दिया है ।एनडीआरएफ टीम भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर के राहत और बचाव कार्य कर रही है ।साथ ही जिले में 31 बाढ़ राहत शिविरों भी बनाए गए हैं। जलस्तर 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।आपको बता दें 2013 और 2016 के बाद इस साल दोनो नदियों के जलस्तर में इतनी वृद्धि देखने को मिल रही है। 2013  और 2016 में जलस्तर 86 मीटर के ऊपर पहुंच चुका था। जबकि इस साल अभी तक 84.20 m तक जलस्तर पहुच चुका है।

 

 

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