तडवी आत्महत्या मामला का हुआ खुलासा ,सुसाइड नोट आया सामने…

मुंबई के बीवाईएल नायर अस्पताल में एक 26 साल की डॉक्टर पायल तडवी के साथ महीनों शोषण, अपमान और दुर्व्यवहार किया गया। जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली। जहां गुरुवार को पुलिस ने उसके सुसाइट नोट को सार्वजनिक कर दिया। तडवी ने तीन पन्नों का नोट लिखा है। यह नोट मुंबई पुलिस की 1200 पन्नों की चार्जशीट का हिस्सा है। जिसमें तीन डॉक्टरों- हेमा आहूजा, भक्ति मेहरे और अंकिता खंडेलवाल को आरोपी बनाया गया है।

 

तडवी आत्महत्या मामला का हुआ खुलासा ,सुसाइड नोट आया सामने...

 

बतादें की नोट में इन तीनों डॉक्टरों को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है और इसे तडवी का डाइंग डिक्लेरेशन माना जा रहा है। जहां पत्र में तडवी ने लिखा, ‘मैं हेमा आहूजा, भक्ति मेहरे और अंकिता खंडेलवाल को अपनी और स्नेहल (साथी छात्रा स्नेह शिंदे) की हालत के लिए जिम्मेदार ठहराती हूं।

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खबरो के मुताबिक डॉक्टर तडवी, तडवी-भील समुदाय से ताल्लुक रखती थीं। लेकिन महाराष्ट्र में यह समुदाय अनुसूचित जाति के अंतर्गत आता है। जहां उन्होंने 22 मई को कथित जाति-आधारित भेदभाव के बाद आत्महत्या कर ली थी।

देखा जाये तो अपने पिता और माता को संबोधित करते हुए तडवी ने सुसाइड नोट में लिखा, ‘मैंने इस कॉलेज में यह सोचते हुए कदम रखा था कि मुझे अच्छे संजाये स्थान के तहत सीखने का मौका मिलेगा।

लेकिन लोगों ने अपने रंग दिखाने शुरू कर दिए। शुरुआत में मैं और स्नेहल सामने नहीं आए और हमने किसी से कुछ नहीं कहा। यातना उस स्तर तक जारी रही जिसे मैं सहन नहीं कर सकती थी। मैंने उनके खिलाफ शिकायत की लेकिन उसका कोई परिणाम नहीं निकला।

नोट में लिखा है, ‘मैंने अपना पेशेवर, व्यक्तिगत जीवन सब कुछ खो दिया क्योंकि उन्होंने घोषणा की थी कि जब तक वे यहां हैं मुझे नायर में कुछ भी सीखने नहीं देंगी।

वहीं तीन महिलाओं ने तडवी की शिक्षा को अवरुद्ध कर दिया और उसे एक स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में अनुभव प्राप्त करने से रोकने के लिए कहीं और ड्यूटी लगा दी। मुझे पिछले 3 सप्ताह से लेबर रूम संभालने की मनाही है क्योंकि वे मुझे कुशल नहीं मानते हैं। मुझे ओपीडी के घंटों के दौरान लेबर रूम से बाहर रहने के लिए कहा गया है।

जहां तडवी ने आगे कहा की वह मुझे कंप्यूटर में एचएमआईएस (हेल्थ मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम) पर एंट्री करने के लिए कहती हैं। वह मुझे मरीजों की जांच करने की अनुमति नहीं देते हैं। मैं केवल क्लेरिकल काम कर रही हूं। काफी कोशिशों के बाद भी मेरी स्थिति में कोई सुधार नहीं आया।

जिसके कारण मैं मानसिक तौर पर अस्थिर हूं। यहां का वातावरण स्वस्थ नहीं है और मैं बदलाव की उम्मीद छोड़ चुकी हूं क्योंकि मैं जानती हूं ऐसा नहीं होगा।’

दरअसल नोट के आखिर में तडवी ने लिखा हैं की खुद के लिए खड़े होने/ बोलने का कोई भी कोई फायदा नहीं हुआ। मैंने बहुत कोशिश की। कई बार सामने आई। मैंने मैडम से बात की लेकिन कुछ नहीं हुआ।

जो मुझे सच में कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। मैं केवल अंत देख पा रही हूं।’ चार्जशीट में पुलिस ने शिंदे की गवाही की विवराण दिया है। जिसमें बताया गया है कि कैसे तीनों ने तडवी के आत्महत्या करने से एक दिन पहले उसे नीचा दिखाते हुए धमकी दी थी कि यदि उसने तीनों द्वारा दिए काम को खत्म किए बिना रात का खाना खाया तो वह उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगी।

 

 

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