ठगों ने चाय वालें को 2.93 लाख रु. का लगाया चुना, कुछ समय बाद आया होश

करनाल . प्रधानमंत्री स्कीम का 50 हजार रुपए लोन का लालच देकर 4 लोगों ने मिलीभगत कर एक चाय बेचने वाला का 2 लाख 93 हजार रुपए का कार लोन करवा दिया और वह राशि भी स्वयं डकार गए, जबकि कार शिकायतकर्ता के पास नहीं है। पुलिस ने आरोपी मनीष नेहरा, बंटी, अशोक कुमार, राम मेहर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पीड़ित मैगमा फाइनेंस के ब्रांच में स्टेट हेड राशू वालिया से मिला तो वह भी हैरान रह गए। उसे आश्वासन दिया कि यह हमारी कंपनी का फ्राड है और हमारी कंपनी के कर्मचारी व पूर्व कर्मचारी शामिल हैं। इसलिए हम स्वयं इसकी जांच करके इसका समाधान करवाएंगे। आप कुछ दिन इंतजार कीजिए, लेकिन आज तक उनकी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ठगों ने चाय वालें

 आरोपियों ने चेक और एटीएम से ट्रांसफर की राशि-वजीरचंद काॅलोनी के महेंद्र ने शिकायत दी है कि वह सेक्टर-13 के कोने पर चाय की रेहड़ी लगाता है। पीड़ित के पास अप्रैल 2019 में आरोपी मनीष नेहरा उसकी रेहड़ी पर आया और कहा कि वह कोऑपरेटिव बैंक का एजेंट है। प्रधानमंत्री स्कीम के तहत आपका 50 हजार रुपए का लोन करवा सकता है। इस पर पीड़ित ने विश्वास कर लिया। आरोपी के साथ बैंक में चेक बुक लेने के लिए गया, लेकिन बैंक कर्मचारी ने कहा कि चेकबुक एक महीने के बाद घर आएगी। अगले दिन आरोपी एक्सिस बैंक के एजेंट को लैपटॉप सहित लेकर आया और पीड़ित की दुकान पर बैठकर खाता खोलने की कार्रवाई की। आरोपी ने खाते में जो मोबाइल नंबर दिए वह पीड़ित का नहीं था। उसी समय बैंक एजेंट ने खाते की चिट, जिसमें एटीएम, पासबुक व अन्य कागजात होते हैं वह आरोपी को दे दी। 2800 रुपए भी एजेंट को दिए।

काफी इंतजार के बाद आई इंसाफ की सुबह,तख्ते पर चढ़ते ही गिड़गिडाएं दरिंदे

पीड़ित को कहा कि शाम तक आपका खाता चालू हो जाएगा और आपके मोबाइल पर मैसेज आएगा, लेकिन कोई मैसेज नहीं आया, जिस पर पीड़ित ने आरोपी को फोन किया कि उसके पास कोई मैसेज नहीं आया है। आरोपी ने कहा कि आपके आधार कार्ड व पैन कार्ड में कोई कमी है, इसलिए लोन नहीं हो सकता। पीड़ित निश्चित होकर घर बैठ गया। दो दिन बाद आरोपी फिर दुकान पर आया और कहा कि वह 2800 रुपए लेकर आया है।

आप दो चेक पर साइन कर दो। पीड़ित ने दोनों चेकों पर साइन कर दिए, उसके बाद आरोपी ने अपना मोबाइल बंद कर दिया। दोबारा उसके साथ कोई संपर्क नहीं हो पाया। 28 मई 2019 को उसके एड्रेस पर आईसीआईसी बैंक की एक जीवन बीमा पॉलिसी प्राप्त हुई, जिसके अवलोकन से पता चला कि सभी आरोपियों ने पीड़ित के साथ धोखाधड़ी की है और 2 लाख 93 हजार रुपए का कार का लोन मंजूर करवाया है। लोन में से 2 लाख रुपए किसी अन्य व्यक्ति के खाते में चेक द्वारा ट्रांसफर की गई है। बकाया राशि एटीएम द्वारा अलग-अलग तारीखों पर निकाली गई है।

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