ट्रैफिक जाम में इस युवक को ‘छोटी सी गलती’ पड़ी मंहगी , छीन लिया गया कंपनी से मिलने वाला इतना बड़ा पोस्ट…
CEO (चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर) जिसे हिन्दी में आप मुख्य कार्यकारी अधिकारी कहते हैं. कंपनी का लीडर. जैसे गूगल में सुंदर पिचाई हैं. माइक्रोसॉफ्ट में सत्य नडेला हैं. जैसे कभी एप्पल में स्वीट जॉब्स थे. कोका कोला में इंदिरा नूई थीं. कंपनी में बड़ा पद होता है. जहां सारे बड़े फैसले सीईओ ही लेता है. एक कंपनी का सीईओ बनने के लिए एक व्यक्ति ने अप्लाई किया. लेकिन एक छोटी सी गलती और सीईओ बनते-बनते रह गए.
बतादें की एक व्यक्ति ने मल्टिनेशनल कंपनी में सीईओ पद के लिए अप्लाई किया. सारी योग्यता थी. एजुकेशनल क्वालिफिकेशन था. कंपनी में काम करने के लिए एक्सपीरियंस था. अल्पाई करने के बाद सब कुछ ठीक ही चल रहा था. इंटरव्यू के लिए कॉल आई. कई राउंड का इंटरव्यू हो भी चुका था.
जहां बस अंतिम राउंड का इंटरव्यू बचा था. कंपनी ने गाड़ी भेजी और वह इंटरव्यू के लिए निकल पड़े. भारी बारिश की वजह से ट्रैफिक जाम था. अब ट्रैफिक जाम में गुस्सा तो आता ही है. इन्हें भी आ गया. फिर क्या था. ड्राइवर पर ही गुस्सा निकाल दिया. बस यहीं गलती हो गई.
ड्राइवर गाड़ी लेकर ऑफिस पहुंचा और मैनेजमेंट से इसकी शिकायत कर दी. भर्ती प्रक्रिया में शामिल हंट पार्टनर्स कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर सुरेश रैना का कहना है की ड्राइवर की शिकायत को कंपनी ने गंभीरता से लिया. कंपनी ने सोचा, विचार किया कि अगर व्यक्ति बारिश और ट्रैफिक जाम से इतना परेशान हो सकता है तो फिर रोज- रोज की चुनौतियों का सामना कैसे करेगा.
आखिर इतनी बड़ी कंपनी को आगे कैसे लेकर जा पाएगा. कर्मचारियों से काम कैसे निकलवा पाएगा. काफी सोच विचार के बाद मैनेजमेंट ने सीईओ के उम्मीदवार को बाहर का रास्ता दिखा दिया.
दरअसल इतनी छोटी सी बात के लिए कोई कंपनी ऐसा कैसे कर सकती है. लेकिन कंपनियां किसी भी अहम पद पर कैंडिडेट को चुनने से पहले उसके बारे में पूरी तहकीकात कर रही हैं. सिर्फ लीडरशिप ही नहीं लाइफस्टाइल और फिटनेस तक का ख्लाल रखा जा रहा है.
देखा जाये तो कुछ साल पहले की बात है. कंपनी के डायरेक्टर पद के लिए एक कैंडिडेट को लगभग सलेक्ट कर लिया गया था. लेकिन सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट से नौकरी खतरे में पड़ गई. कंपनी ने अगाह किया. और जानकारियां जुटाईं. पता चला कि वह नस्लभेदी टिप्पणी करता है. इसके बाद उनकी नौकरी चली गई.