अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को चीन को चेतावनी देते हुए कहा है कि तुरंत काम करो और 2020 में बातचीत को और भी बदतर होने से बचने के लिए अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करो। ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, “मुझे लगता है कि चीन ने महसूस किया कि उनकी हाल में हुई बातचीत में फजीहत हुई है।
बता दें की ट्रंप ने कहा, “केवल एक यही परेशानी है कि वो जानते हैं कि मैं जीतने जा रहा हूं और समझौता उनके लिए और भी बदतर हो सकता है, अगर बातचीत मेरे दूसरे कार्यकाल में होती है। उनके लिए तुरंत कार्य करना (एक्ट करना) समझदारी होगी, लेकिन उच्च आयात शुल्क प्राप्त करना पसंद करते हैं।
अमेरिका और चीन के बीच दो दिनों तक चली व्यापार वार्ता बिना किसी समझौते के खत्म हो गई। वार्ता की विफलता के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने शीर्ष अधिकारियों को चीन से आयातित लगभग सभी तरह के माल पर टैरिफ (आयात शुल्क) बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दे दिए हैं।
अमेरिका और चीन के बीच चल रहा व्यापार युद्ध उस वक्त और भी गहरा गया जब शुक्रवार को अमेरिका ने चीन के 200 बिलियन डॉलर के सामान पर 15 फीसदी आयात शुल्क लगा दिया।
ट्रंप का हाल में आया आदेश 300 अरब डॉलर के सामान पर है और चीन से 200 अरब डॉलर मूल्य के उस आयात से अलग है, जिस पर शुल्क 10 से बढ़ाकर 25 फीसदी किया गया है। वार्ता की विफलता का एक कारण यह भी माना जा रहा है कि ट्रंप ने चर्चा से ठीक पहले 200 अरब डॉलर पर शुल्क बढ़ाते हुए लंबी आर्थिक लड़ाई जारी रखने की बात कही थी।
शुल्क बढ़ाने संबंधित आदेश के साथ ट्रंप ने कहा कि चीन ने समझौता तोड़ा है। ट्रंप ने कहा कि महीनों चली बातचीत के बाद जो वादे हुए, चीन उनसे पीछे हटा है। वहीं इस मामले पर बीजिंग का कहना है कि वह अमेरिका के साथ होने वाली व्यापार वार्ता के भविष्य को लेकर आशावादी है।
वाशिंगटन में हुई दो वार्ता के बाद चीनी प्रतिनिधिमंडल में शामिल उप प्रधानमंत्री लियू हे ने कहा कि अमेरिका के साथ यह व्यापार वार्ता बीजिंग में जारी रहेगी, लेकिन चेताया कि महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर कोई रियायत नहीं दी जाएगी।
दरअसल लियू ने कहा, वार्ता टूटी नहीं है बल्कि दोनों देशों के बीच बातचीत का यह सिर्फ एक सामान्य मोड़ है। दोनों पक्ष चीन में आगामी वार्ता के लिए सहमत हैं लेकिन फिलहाल तारीख तय नहीं है।