ट्रंप के सामने मोदी ने एक को धोया तो एक की जमकर तारीफ की, क्या आतंकवाद से आगे निकल पाएगा देश!

अमेरिका में पहली बार पीएम मोदी के लिए इतना भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम ह्यूस्टन के एनआरजी स्टेडियम में हाउडी मोदी के नाम से किया गया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने भारत और अमेरिका के संबंधों की और भी मजूबत कर दिया है। इस पूरे वक्त अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मोदी के साथ दिखाई दिए। दोनो नेताओं पाक के खिलाफ आतंकवाद के मुद्दे पर एक स्वर में बात की। साथ ही पीएम मोदी ने ट्रंप के लिए चुनाव प्रचार भी किया।

हाउडी मोदी कार्यक्रम

कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से भारत दर्शन कराया गया। इस सब के अंत में पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने एक-दूसरे का हाथ थामकर पूरे स्टेडियम का पैदल चक्कर लगाया। इस सबके पीछे की वजह भारत-अमेरिका के गहरे होते रिश्ते हैं। लेकिन क्या भारत अमेरिका के बीच ताजा और मजबूत रिश्तों की नई इबारत लिख पाएगा? आइए जानते हैं कि ऐसे वो कौन से कारण हैं जिनसे रिश्तों की नई इबारत लिखे जाने की उम्मीद की जा रही है।

  1. दोनों ही नेताओं का आतंकवाद पर एक सुर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जहां अपने आधे घंटे के भाषण में इस्लामी आतंकवाद पर प्रहार किया, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पाकिस्तान का नाम लिए बगैर ही उसे आतंकवाद का गढ़ बताते हुए निशाना साधा। ऐसे में दोनों ही नेताओं के आतंकवाद के खिलाफ प्रतिबद्धता जताने से साफ हो जाता है कि दोनों देश अब आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए एक दूसरे का साथ निभाने को पूरी तरह से तैयार हैं।

खुद राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने में कहा कि उनका प्रशासन आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का काम कर रहा है और यह आगे भी जारी रहेगा। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने भी मुंबई के 26/11 हमले को अमेरिका के 09/11 हमले से जोड़कर दुनिया के सामने आतंकवाद के खिलाफ मजबूत होने का संदेश दिया।

यह पूरा घटनाक्रम बेहद खास इसलिए भी है क्योंकि इससे आतंकवादियों को पालने वाले पाकिस्तान पर अब दबाव और बढ़ सकता है। जबकि कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने पर पहले ही उसे विश्व समुदाय दूर अमेरिका तक का समर्थन नहीं मिला।

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  1. मोदी-ट्रम्प का ये शो क्या भारत अमेरिका रिश्तों की नई इबारत लिख पाएगा?

पांच साल पहले जब न्यूयॉर्क के मैडिसन स्क्वेयर गार्डन में जुटी भारी भीड़ ने मोदी का रॉक स्टार की तरह स्वागत किया था तो उसे उनकी जीत के तौर पर देखा गया जिसे अमेरिका करीब एक दशक तक वीजा देने से इनकार करता आया था। इसी अमेरिका के राष्ट्रपति निक्सन ने भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को आधे घंटे से ज्यादा इंतजार करवाया उस अमेरिका में मोदी-ट्रम्प का ये शो क्या भारत अमेरिका रिश्तों की नई इबारत लिख पाएगा?

नरेंद्र मोदी टेक्सस के ह्यूस्टन में करीब 50 हजार से ज्यादा भीड़ को संबोधित किया। जब वो भाषण दे रहे थे तब उनके बगल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप भी मौजूद रहे।

नरेंद्र मोदी और ट्रंप का एकसाथ मौजूद रहना मोदी की पीआर टीम की जीत के तौर पर भी देखा जा रहा है। मगर यह आयोजन भारत और अमेरिका के आपसी संबंधों की बढ़ती अहमियत की गवाही भी देता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह भारतीय मूल के अमेरिकी समुदाय की ताकत को दर्शाता है।

वहीं अमेरिका में मौजूद 20 प्रतिशत एशियाई समुदाय का झुकाव अमूमन डेमोक्रेट्स की तरफ रहा है। इस समुदाय में भारतीय भी शामिल हैं।

अगर हाउडी मोदी कार्यक्रम के मकसद के मुताबिक इस समुदाय का थोड़ा भी झुकाव रिपब्लिकन पार्टी की तरफ जाता है तो इससे ट्रंप को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है। हालांकि, अभी इसके बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। अब देखना होगा कि मोदी-ट्रम्प का ये शो क्या भारत-अमेरिका के रिश्तों की क्या नई इबारत लिख पाएगा?

  1. मोदी ट्रंप के मेगा शो से कश्मीर मसले पर क्या होगा असर

मोदी ने ट्रंप के सामने अनुच्छेद 370 का जिक्र करते हुए कहा, यह देश के सामने 70 साल से बड़ी चुनौती था, जिसे देश ने फेयरवेल दे दिया। अनुच्छेद 370 ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को विकास से और समान अधिकारों से वंचित रखा था। इस स्थिति का लाभ आतंकवाद और अलगाववाद बढ़ाने वाली ताकतें उठा रही थीं।

अनुच्छेद 370 को खत्म करके दो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश बनाए गए। जो अधिकार भारत के लोगों को था, वही अधिकार वहां के लोगों को भी मिल गया है। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि हिंदुस्तान के सभी सांसदों के सम्मान के लिए खडे़ होने की अपील भी की, जिस पर लोगों ने खडे़ होकर तालियां बजाईं।

अगर व्यापार के मसले पर अमेरिका से कोई समझौता होता है, भारत शुल्क कम करता है और नियमों में कोई ढील देता है तो उसका फायदा यूएनजीसी की बैठक में कश्मीर के मसले पर भारत को हो सकता है।

सोमवार को डोनल्ड ट्रंप पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से भी मुलाकात करेंगे। इसके बाद वो मंगलवार को फिर पीएम नरेंद्र मोदी से मिलेंगे। एक तरह से पीएम नरेंद्र मोदी के पास मौका है कि वो यूएनजीसी की बैठक से पहले ट्रंप का समर्थन हासिल कर लें।

लेकिन, पाकिस्तान को अमेरिका का खुले तौर पर साथ मिलना मुश्किल लग रहा है। फिलहाल वैश्विक आतंकवाद को लेकर अमेरिका की नजर में पाकिस्तान छवि अंतराराष्ट्रीय स्तर पर जरूर कतर हुई है।

दरअसल अफगानिस्तान में तालिबान से शांति वार्ता को लेकर अमेरिका के लिए पाकिस्तान बहुत अहम बना हुआ था। अमेरिका अफगानिस्तान से बाहर निकलना चाहता है और तालिबान की पाकिस्तान से नजदीकी के कारण उसे पाकिस्तान के सहयोग की जरूरत है।

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पाकिस्तान को भी अपने आर्थिक हालात से निपटने के लिए अमेरिका की मदद चाहिए। ऐसे में तालिबान के मसले पर पाकिस्तान से एक सकारात्मक भूमिका निभाने की उम्मीद थी। यही वजह हो सकती है कि इमरान खान से मुलाकात के बाद ट्रंप ने कश्मीर मसले पर मध्यस्थता की पेशकश की थी।

लेकिन, तालिबान से वार्ता विफल होने के बाद फिलहाल उसका इतना महत्व नहीं रहा। ऐसे में अमेरिका के लिए पाकिस्तान की स्थिति कमजोर दिखाई देती है। वहीं दूसरी ओर यहां भारत की स्थिति मजबूत हो सकती है अगर वो व्यापार में अमेरिका के साथ सहयोग करे।

जिसका सीधा फायदा पीएम नरेंद्र मोदी को भारत में भी मिलेगा। अमेरिका से अच्छे संबंध होना न सिर्फ भारतीय बाजारों में एक अच्छा माहौल बनाएगा बल्कि लोगों में भी मोदी की एक मजबूत छवि बनाएगा।

  1. ट्रंप मोदी के बीच केमिस्ट्री और बनी नई हिस्ट्री

मंच पर पहुंचे पीएम मोदी ने उत्साहित भीड़ को देखकर कहा कि ये जो दृश्य है, वह अकल्पनीय है। विशालता और भव्यता टेक्सास के स्वभाव में है। आज हम यहां एक नया इतिहास और भारत व अमेरिका के बीच परवान चढ़ते रिश्तों का नया रूप देख रहे हैं। आज यहां नई हिस्ट्री और केमिस्ट्री बन रही है।

ट्रंप का यहां आना, मेरे लिए, भारत के लिए और अमेरिका में रह रहे भारतीयों और 130 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। स्टेडियम में आने वाले लोगों का स्वागत करता हूं और जो लोग यहां नहीं आ पाए, उनसे क्षमा मांगता हूं। आज ह्यूस्टन ने यह साबित कर दिया है कि वह बेहद मजबूत है।

इन सभी बातों के जरिए जहां मोदी ने लोगों का दिल जीता वहीं राष्ट्रपति ट्रंप को सपरिवार भारत आने का न्योता देकर उनके साथ अपनी केमिस्ट्री का परिचय भी दिया। पीएम मोदी ने कहा, ट्रंप आर्ट ऑफ द डील में माहिर हैं। मैं उनसे सीख रहा हूं। उनसे बातचीत से सकारात्मक परिणाम आएंगे।

इस दौरान पीएम मोदी ने ट्रंप को सपरिवार भारत आने का न्योता दिया। संबोधन के आखिर में मोदी ने स्टेडियम में आए सभी लोगों का आभार जताया और ट्रंप के साथ सभी का अभिनंदन करते हुए निकल गए।

  1. हाउडी मोदी कार्यक्रम की भव्यता

हाउडी मोदी कार्यक्रम में साठ हजार से ज्यादा लोगों की उपस्थिति इस बात की ओर इशारा है कि कार्यक्रम पूरी तरह सफल रहा। वहीं कार्यक्रम में ट्रंप के सामने नमो-नमो की नारों की गूंज ने भी इसमें अपनी भूमिका निभाई। कार्यक्रम की शुरुआत में मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप का परिचय देते हुए करीब 7 मिनट भाषण दिया। इसमें उन्होंने ट्रंप की जमकर तारीफ की।

इस कार्यक्रम की भव्यता ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें ट्रंप के अलावा करीब 60 से ज्यादा प्रमुख अमेरिकी सांसद मौजूद रहे। वहीं, रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भारत की झलक दिखाई दी। गुरुवाणी, दक्षिण भारतीय कार्यक्रम, एकला चलो रे, गुजराती गरबा के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत हुई।

लोगों में गजब का उत्साह देखा गया। वंदे मातरम के साथ स्टेडियम में मोदी-मोदी के नारे लगे। कीर्तन के साथ-साथ ढोल-नगाड़े भी बजे। बताया जा रहा है कि अमेरिका और भारत में करीब 100 करोड़ लोग इस कार्यक्रम को देखने के लिए टीवी चैनलों और ऑनलाइन प्रसारणों पर जमे रहे।

इस कार्यक्रम की कामयाबी के लिए एक हजार स्वयंसेवकों और 650 संगठनों ने दिन-रात एक कर दिया था। इस बीच, हाउडी मोदी के समर्थन में स्मृति ईरानी, रामविलास पासवान, पीयूष गोयल समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने अपने ट्विटर अकाउंट की प्रोफाइल फोटो तक बदल डाली।

 

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