टीम की सफलता में खिलाड़ियों का सामूहिक योगदान : सिद्धार्थ देसाई

पंचकूला | प्रो-कबड्डी लीग (पीकेएल) के छठे सीजन में सबसे पहले प्लेऑफ में अपना स्थान पक्का करने वाली यू-मुंबा के रेडर सिद्धार्थ देसाई का मानना है कि टीम की अब तक की इस सफलता में सभी खिलाड़ियों का योगदान है।

26 वर्षीय देसाई लीग में खेलने का सपना लेकर पिछले चार साल से कड़ी मशक्कत कर रहे थे। उनका यह सपना इस साल जाकर पूरा हुआ जब यू मुंबा ने उन्हें अपनी टीम में खेलने का मौका दिया।

सिद्धार्थ ने अपने इस मौके का जगब फायदा उठाया जब उन्होंने लीग के अपने पदार्पण मैच में शानदार सुपर-10 पूरा करते हुए 15 अंक बटोरे थे।

सिद्धार्थ के आंकड़े बताते हैं कि लीग में इस समय वह तूफानी प्रदर्शन कर रहे। वह टोटल प्वाइंट्स और रेड प्वाइंट्स के मामले में इस समय सबसे आगे चल रहे हैं। मुंबा ने सिद्धार्थ को 36 लाख रुपये में खरीदा है।

सिद्धार्थ का कहना है कि बेशक उन्होंने लीग में अब तक सबसे ज्यादा अंक बटोरे हैं, लेकिन जब टीम की सफलता की बात आती है तो इसमें केवल उन्हीं का नहीं बल्कि सभी खिलाड़ियों का योगदान रहता हैं।

सिद्धार्थ ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा, “मुझे खुशी है कि मुझे महाराष्ट्र की टीम यू-मुंबा से खेलने का मौका मिला है और मैं टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रहा हूं। लेकिन इस मौके को भुनाने में मुझे चार साल का समय लगा है क्योंकि मैं पिछले चार साल में लीग में खेलने का इंतजार कर रहा था।”

सिद्धार्थ के धमाकेदार प्रदर्शन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अपने पहले सीजन के शुरुआती चार मैचों में ही सबसे तेज 50 रेड प्वाइंट्स हासिल करने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। उनके नाम इस समय सबसे ज्यादा टोटल प्वाइंट्स 214 और सबसे ज्यादा रेड प्वाइंट्स 211 हैं।

उन्होंने अपने आंकड़ों को लेकर कहा, “जब मैं लीग में अपना पहला मैच खेलने उतरा था तो उस समय मैंने सोचा नहीं था कि मैं इतनी जल्दी यह सब हासिल कर लूंगा। लेकिन मुझे लगता है कि ये आंकड़े पिछले चार साल के इंतजार का परिणाम है। अच्छा लगा रहा है कि मैंने सबसे तेज सुपर-50 और सुपर-200 का स्कोर किया। मैं अपने इस प्रदर्शन से खुश हूं। लेकिन आगे अभी और भी बहुत कुछ बाकी है और मैं अपना ध्यान आने वाले मैचों पर लगा रहा हूं।”

सीजन-2 में चैम्पियन रहीं यू मुंबा लीग के छठे सीजन में सबसे पहले प्लेऑफ में पहुंची है। टीम इस समय 21 मैचों में 15 जीत के साथ 85 अंक लेकर जोन-ए में सबसे आगे हैं।

यह पूछने पर कि क्या टीम सीजन-2 की सफलता को दोहरा पाएगी, उन्होंने कहा, “मैं पहली बार लीग में खेल रहा हूं इसलिए मेरी भी इच्छा है कि टीम फिर से खिताब जीते। इसके लिए सभी खिलाड़ी अपना अहम योगदान दे रहे हैं। हम टीम को चैम्पियन बनाने के लिए पूरी कोशिश करेंगे।”

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सिद्धार्थ ने यहां तक पहुंचने की अपने संघर्ष को लेकर कहा, “कबड्डी तो मैंने बचपन से ही खेलना शुरू कर दिया था लेकिन जब लीग की शुरूआत हुई तो मैंने सोचा कि अब मुझे इसमें अपना करियर बनाना है। इसके लिए मैं पिछले चार साल से पुणे में अपने कोच बाबूराव पांडे के साथ कड़ी मेहनत कर रहा था। अगर आज मैं यहां पहुंचा तो यह उन्हीं की मेहनत का नतीजा है।”

महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के रहने वाले सिद्धार्थ ने कहा, “जब मैंने लीग में खेलने के लिए ट्रायल दिया था तब मुझसे कहा गया था कि फोन करके आपको बताएंगे। लेकिन जब लीग के लिए खिलाड़ियों की नीलामी हो रही थी तो उस समय मैं गांव में था और मुझे टेलीविजन के माध्यम से ही इसमें चुने जाने की खबर मिली। इसके बाद घर के सभी सदस्य काफी खुश हुए और गांव के लोग भी ये सुनकर काफी खुश थे।”

सिद्धार्थ ने प्लेऑफ मैचों को लेकर टीम की रणनीतियों के बारे में कहा, “टीम के सभी खिलाड़ी जानते हैं कि वे आगे अच्छा करेंगे, तभी खिताब जीतेंगे। जिस टीम के साथ हमारा मैच होना होता है उसके लिए हम पहले ही रणनीति बनाकर मैट पर उतरते हैं। कोच और कप्तान काफी एक्टिव रहते हैं और वे रणनीतियों के हिसाब से ही खेलने को कहते हैं।”

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