टिकट को लेकर शत्रुघ्न सिन्हा ने दिया बड़ा बयान , कहा – हर एक्शन का रिएक्शन होता है
नई दिल्ली : भाजपा ने पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा को पटना साहिब से टिकट नहीं दिया है। जहां इस पर शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मैं तो भाजपा में तब से था, जब उसके सिर्फ दो ही सांसद थे।
लेकिन जिस तरह आडवाणी जी को साइड किया है, मैं उससे ज्यादा दुखी हूं। वही टिकट कटने पर उन्होंने कहा कि न्यूटन के नियम के तहत – हर एक्शन पर बराबर रिएक्शन होता है और यहां भी होगा ।कांग्रेस में जाने के सवाल पर शत्रुघ्न ने कहा कि मैं मंदिर में शनि भगवान के दर्शन के लिए आया हूं, यहां राजनीति की बात करना ठीक नहीं है। वही शत्रुघ्न पत्नी पूनम के साथ शिन शिंगणापुर दर्शन करने गए हैं।
गन्ना किसानों के भुगतान पर प्रियंका ने उठाए सवाल तो योगी आदित्यनाथ ने दिया ये जवाब
आडवाणी जी को किसी लायक नहीं समझा –
बता दें की आडवाणी जी के साथ भाजपा ने जो अन्याय किया है उसपर शत्रुघ्न ने कहा कि लोग पहले से कह रहे थे, लेकिन यह जिस तरह से हुआ है, वह गलत है। जहां आडवाणी जी तो भाजपा नेतृत्व के लिए गुरु की तरह हैं।
इससे पहले भी जसवंत सिंह, यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी जैसे लोगों के साथ भी ऐसा ही किया गया। देखा जाये तो ऐसा जुल्म और अन्याय नहीं होना चाहिए था। आप उनसे कुछ भी गलत लिखवा सकते हैं कि मर्जी से ऐसा हुआ है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। देश की जनता नाराज है । भाजपा ने आडवाणी जी को किसी भी पद के लायक नहीं समझा है। इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ेगा।
कई दिनों से बागी तेवर दिखा रहे थे शत्रुघ्न सिन्हा –
दरअसल शत्रुघ्न सिन्हा कई दिनों से भाजपा में रहते हुए भी बागी तेवर दिखा रहे थे. उनका यह तेवर बरकरार है. जब उनसे पूछा गया कि क्या आप किसी और पार्टी में जा रहे हैं क्या? तब उन्होंने कहा कि यह सब बातें मंदिर में बताते हैं क्या? ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि शत्रुघ्न जल्द की किसी और पार्टी का दामन थाम सकते हैं।
वही नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लगातार बगावती तेवर अपनाने वाले और कोलकाता में ममता बनर्जी की रैली में शामिल होने वाले वरिष्ठ नेता और ‘बिहारी बाबू’ शत्रुघ्न सिन्हा का भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पटना साहिब लोकसभा सीट से टिकट काट दिया है। 2014 के लोकसभा चुनाव में पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा सांसद बने थे, लेकिन पिछले लंबे समय से पार्टी के खिलाफ बगावती तेवर अपनाने के कारण उनका टिकट काट दिया गया है और उनकी जगह केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को मैदान में उतारा गया है।