नमाज की छुट्टी को लेकर बैकफुट पर आयी राज्य सरकार

जुमे की नमाजदेहरादून। एक धर्म विशेष के सरकारी कर्मचारियों को जुमे की नमाज के लिए 90 मिनट की छुट्टी को लेकर उतराखंड सरकार बैकफुट पर आ गई है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अन्य धर्मो के कर्मचारियों को भी त्योहार, पूजा अर्चना और विशेष धार्मिक अवसरों पर विशेष अल्प अवकाश दिया जाएगा। हाल ही में कैबिनेट ने जुमे की नमाज के दिन अल्पसंख्यक कर्मचारियों को दोपहर 12.30 से 2 बजे तक विशेष अल्प अवकाश की सुविधा दिए जाने का निर्णय लिया था।

मुख्यमंत्री का पलटवार

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अल्पसंख्यकों को पूजा के लिए विशेष अल्प अवकाश देने का फैसला मैंने भाजपा के एक मुख्यमंत्री के फैसले के अनुसार ही किया है। भाजपा को अपने मुख्यमंत्री से बात करनी चाहिए। अल्पसंख्यकों के कल्याण के प्रति कांग्रेस का सौ फीसदी कमिटमेंट हैं। तुष्टीकरण तो बहुत छोटी सी बात है।

भाजपा ने किया था हमला

भाजपा ने नमाज के लिए छुट्टी के फैसले की देहरादून से लेकर दिल्ली तक आलोचना शुरू कर दी थी। भाजपा ने सरकार पर आरोप लगाया कि चुनावी लाभ के लिए अल्पसंख्यक तुष्टिकरण का यह फैसला किया गया है। अन्य धर्म और जाति के सरकारी कर्मचारियों ने भी इसके विरोध में आवाज उठानी शुरू कर दी थी।

मुख्यमंत्री भांप गए मूड

भाजपा और कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत को कैबिनेट के फैसले में बदलाव करना पड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर धर्म-जाति के सरकारी कार्मिक को विशेष अल्प अवकाश दिए जाने की सुविधा देने का निर्णय लिया गया है। यह सुविधा कर्मचारियों को अनुरोध पर मिलेगी। सीएम के मीडिया सलाहकार सुरेंद्र कुमार ने बताया कि अलग-अलग धार्मिक और त्योहार के अवसर पर विभिन्न वर्गों, धर्मों, जातियों के कर्मचारियों की अवकाश की मांग को नियंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री ने यह निर्णय लिया है। अल्प अवकाश कितने समय का होगा, इसका निर्णय संबंधित कर्मचारी के विभागाध्यक्ष करेंगे।

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