हाथ की खाल से मरीज की जीभ बनाई
लखनऊ। जीभ के कैंसर के बाद बलरामपुर निवासी अली हसन की आवाज चली गई थी। खाने-पीने की तकलीफ शुरू हो गई। दर्द से कराहते अली हसन ने कई अस्पतालों में इलाज कराया। फायदा नहीं हुआ। लोहिया संस्थान पहुंचे। यहां कैंसर सर्जरी विभाग में ऑपरेशन हुआ। डॉक्टरों ने हाथ की खाल से जीभ बनाने में कामयाबी हासिल की है। अब मरीज फिर से बोल सकेगा।
बलरामपुर निवासी अली हसन को जीभ में छाला था। धीरे-धीरे परेशानी बढ़ती गई। मरीज को बोलने में परेशानी शुरू हो गई। गंभीर हाल में मरीज को लोहिया संस्थान लगाया गया। यहां सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के डॉ. आशीष सिंघल के निर्देशन में इलाज शुरू हुआ।
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जीभ के कैंसर पीड़ित को लोहिया संस्थान के डॉक्टरों ने दी नई जुबान
जांच में कैंसर की पुष्टि हुई। डॉ. आशीष ने बताया कि 10 जनवरी को मरीज का ऑपरेशन हुआ। छह घंटे ऑपरेशन चला। इसमें हाथ की खाल से जीभ बनाने में कामयाबी हासिल की।
अब मरीज पहले की तरह बोलने लगा है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन में हाथ की नसों को काट गया। फिर त्वचा को निकालकर उसे गाल की नसों से जोड़ा गया। इससे खून की रफ्तार सुचारू हो सकी।
डॉ. आशीष सिंघल ने बताया कि संस्थान में यह ऑपरेशन महज 50 हजार रुपये में हुआ है।
जबकि प्राइवेट अस्पताल में इस ऑपरेशन पर कम से कम चार लाख रुपये खर्च होते। डॉ. सिंघल ने बताया कि अब तक दो मरीजों का सफल ऑपरेशन हो चुके हैं।