जानिए पीएम मोदी अपने हर फैसले से चौकाते हैं जनता को चाहे नोटबंदी हो या राष्ट्रपति-स्पीकर तक…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार ऐसे फैसले लेते हैं जो चौंकाने वाले होते हैं. वहीं 17वीं लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए कोटा-बूंदी से सांसद ओम बिड़ला के नाम पर मुहर लगाकर एक बार फिर से सबको चौंका दिया है. लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, राधामोहन सिंह, एसएस अहलुवालिया और डॉ. वीरेंद्र कुमार जैसे कई दिग्गज नेताओं को पीछे छोड़ते हुए ओम बिड़ला लोकसभा अध्यक्ष बने हैं.

मोदी

बता दें की ओम बिड़ला का संसदीय राजनीतिक का सफर बहुत लंबा नहीं है. वह दूसरी बार सांसद चुने गए हैं और इससे पहले कोटा साउथ से तीन बार विधायक रहे हैं. जहां इसके बावजूद बिड़ला आठ और सात बार के सांसदों से आगे निकल गए हैं. लेकिन सामाजिक क्षेत्र में उनके द्वारा किए काम और पार्टी संगठन में काम करने के अनुभव को तवज्जो मिली है और पार्टी ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए उन्हें चुना है.

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देखा जाये तो लोकसभा अध्यक्ष पद से लिए बीजेपी के कई नाम रेस में थे. इनमें आठ बार की लोकसभा सदस्य मेनका गांधी बीजेपी की सबसे अनुभवी लोकसभा सदस्य हैं और अध्यक्ष पद के लिए एक स्वाभाविक विकल्प मानी जा रही थीं. इसके अलावा छह बार के सांसद राधामोहन सिंह को मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिली तो कयास लगाया गया कि उन्हें लोकसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है.

खबरों के मुताबिक इसी तरह सातवीं बार सांसद बने डॉ. वीरेंद्र सिंह को स्पीकर बनाए जाने को लेकर भी चर्चा गर्म थी. जब उन्हें प्रोटेम स्पीकर बनाया गया तो कहा जाने लगा कि 2004 में जिस प्रकार सोमनाथ चटर्जी को पहले प्रोटेम स्पीकर बनाया गया और बाद में उन्हें लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया था. इसी तर्ज पर माना जा रहा था कि वीरेंद्र सिंह के नाम पर मुहर लग सकती है, लेकिन इन सारे नामों के बजाय पीएम मोदी ने ओम बिड़ला को स्पीकर चुनकर एक बार फिर सबको सौंका दिया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा अपने फैसले से सभी को चौंकाते रहे हैं. इससे पहले नोटबंदी का ऐलान हो या फिर राष्ट्रपति के लिए रामनाथ कोविंद के नाम पर मुहर. ऐसे कई अहम फैसले नरेंद्र मोदी ने लिए हैं जो लोगों को आश्चर्य चकित कर देने वाले थे. इस कड़ी में अब लोकसभा अध्यक्ष के लिए ओम प्रकाश बिड़ला का नाम भी शामिल हो गया है.

वहीं जून 2017 में राष्ट्रपति पद के लिए कई नामों पर कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन नरेंद्र मोदी ने दलित समुदाय से आने वाले रामनाथ कोविंद के नाम को आगे बढ़ाकर सभी को चौंका दिया था. जहां इसी तरह से 2014 में हरियाणा और झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री के लिए मनोहर खट्टर और रघुवर दास के नाम पर मुहर लगाकर सभी को आश्चर्य में डाल दिया था.

दरअसल पीएम मोदी के ऐसे ही एक फैसले के लिए 8 नवंबर, 2016 के ऐतिहासिक दिन को याद किया जाता है. लेकिन इस तारीख को रात 8 बजे पीएम मोदी टीवी पर आए और अचानक उन्होंने घोषणा कर दी कि उसी दिन रात बारह बजे से 500 और 1000 के नोटों का चलन बंद हो जाएगा. उनकी इस घोषणा से पूरा देश सन्न रह गया. मीडिया या अन्य किसी की बात छोड़िए, केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई वरिष्ठ सदस्यों को भी इस बात का एहसास नहीं था कि पीएम मोदी क्या घोषणा करने वाले हैं.

 

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