जानिए देश का वो सबसे बड़ा दलित नेता, जिसने कांग्रेस को 1977 में चुनाव हाराया था…

देश के सबसे बड़े दलित नेताओं के ज़िक्र में पहला नाम डॉ. भीमराव अंबेडकर का आता है. पर एक और नेता भी था, जो देश की आज़ादी के साथ ही दलित राजनीति का पोस्टर बॉय बन गया था. इस नेता के नाम पर लगातार 50 साल तक देश की संसद में बैठने का रिकॉर्ड है.

 

जानिए देश का वो सबसे बड़ा दलित नेता, जिसने कांग्रेस को 1977 में चुनाव हरवा था...

 

 

बतादें की इस नेता के नाम सबसे ज़्यादा बरस तक कैबिनेट मंत्री बने रहने का रिकॉर्ड है. जहां इस नेता के बारे में ईस्टर्न कमांड के लेफ्टिनेंट जैकब ने अपने मेमोराइट्स में लिखा है कि भारत को इनसे अच्छा रक्षामंत्री कभी नहीं मिला. ये नेता दो बार प्रधानमंत्री पद की कुर्सी के सबसे करीब पहुंचने के बाद भी उस कुर्सी पर नहीं बैठ पाया.

‘मुर्दों का गाँव’ एक ऐसी जगह जहां से कोई वापस नही आ सका…

वहीं बाबू जगजीवन राम का ज़िक्र इसलिए, क्योंकि 6 जुलाई , 1986 को इनका देहांत हुआ था.  5 अप्रैल, 1908 को बिहार के भोजपुर में जन्मे जगजीवन डॉ. अंबेडकर को कांग्रेस का जवाब थे. 1946 की अंतरिम सरकार में पंडित नेहरू ने इन्हें लेबल मिनिस्टर बनाया था, जो उस कैबिनेट के सबसे कम उम्र के सदस्य थे. संसद में बैठने का इनका क्रम 6 जुलाई 1986 को देहांत के साथ ही खत्म हुआ.

 

LIVE TV