जानिए क्यों 70 साल की महिला को राष्ट्रपति ने पद्मश्री से किया सम्मानित

नई दिल्ली : ओडिशा के कोरापुट जिले में एक आदिवासी बहुल गांव में एक गरीब परिवार में जन्मीं, कमला पुजारी हमेशा से पारंपरिक धान के बीज के लिए जानी गई हैं। वहीं कमला के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली जब राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उन्हें 16 मार्च को पद्मश्री से सम्मानित किया है।

पदमश्री

बता दें की यह पहली बार नहीं है जब कमला को उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए पहचाना गया है। इससे पहले, उन्हें 2004 में ओडिशा राज्य सरकार द्वारा ‘सर्वश्रेष्ठ महिला किसान’ सहित कई पुरस्कार मिले थे।

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देखा जाये तो कमला हमेशा पारंपरिक खेती के लिए समर्पित रही हैं इसके लिए ओडिशा के जेयपोर में एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन से बुनियादी खेती की तकनीक भी सीखी। फाउंडेशन ने कमला को अपने गांव की कुछ अन्य महिलाओं के साथ एक बीज बैंक बनाने में भी मदद की है।

दरअसल अपने प्रशिक्षण के समाप्त होने के बाद, कमला ने अन्य लोगों और साथी किसानों को रासायनिक उर्वरकों का उपयोग बंद करने के लिए प्रोत्साहित किया।

वे और कुछ साथी ग्रामीणों ने समूह बनाए और घर-घर जाकर आस-पास के गांवों में जैविक खेती के बारे में जागरूकता फैलाई है। वही उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप पटपूत गांव और नबरंगपुर जिले के पड़ोसी गाँवों में किसानों ने रासायनिक खाद छोड़ दी। 2018 में, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में ओडिशा राज्य योजना बोर्ड ने कमला को इसके सदस्यों में से एक के रूप में जोड़ा हैं।

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