जानिए क्यों आखिर अखलाक के परिवार का नाम वोटर लिस्ट से हुआ गायब
नई दिल्ली : साल 2015 में गोमांस रखने के शक में पीट-पीटकर मार दिए गए अखलाक के परिवार का नाम वोटर लिस्ट से गायब हैं । वहीं दादरी बिसहाड़ा गांव में अखलाक के पूरे परिवार का नाम वोटर लिस्ट में नहीं हैं।
बता दें की ब्लॉक स्तर के अधिकारियों का कहना है बीते कई महीने से अखलाक के घर में कोई सदस्य नहीं रह रहा था जिसकी वजह से वोटर लिस्ट में उनका नाम नहीं हैं। वहीं वोटिंग लिस्ट में नाम न होने की जानकारी तब सामने आई जब परिवार के लोग वोट डालने मतदान स्थल पर पहुंंचे हैं।
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देखा जाये तो गौतमबुद्धनगर संसदीय सीट पर भी पहले चरण में वोटिंग हो रही है। गौतमबुद्धनगर के डीएम वार रूम ने बताया कि इलके में शांतिपू्र्ण वोटिंग चल रही है. दोपहर 1 बजे तक 61 फीसदी मतदान हो चुका है. नोएडा विधानसभा क्षेत्र नोएडा में 35 फीसदी मतदान, दादरी में 43% मतदान हुआ हैं।
गोमांस रखने की अफवाह की वजह से लोगों ने अखलाक नाम के शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। लेकिन इस घटना में मृतक के बेटे को भी गंभीर चोट आई थी। जिसके बाद यूपी के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए जांच के आदेश दिए थे। वहीं अखलाक हत्याकांड में उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा था कि हत्या बीफ की अफवाह के चलते की गई थी। जिसके मुख्य आरोपी विशाल और शिवम नामक दो व्यक्ति हैं।
खबरों के मुताबिक इस मामले में 15 लोगों के खिलाफ चार्जशीट तैयार की गई जिसमें दो नाबालिग भी शामिल थे। लेकिन बाद में पाया गया कि एक किशोर नाबालिग नहीं था।एसपी संजय ने हत्या का मकसद बताते हुए कहा था कि यह हत्याकांड गौ मांस की अफवाह के चलते हुआ हैं। वहीं अफवाह की वजह से ही भीड़ ने अखलाक के घर पर हमला कर दिया था, जिसमें अखलाक को मार दिया गया जबकि दानिश को बुरी तरह से पीटा गया था।इस पूरे मामले का मुख्य आरोपी विशाल भाजपा के एक स्थानीय नेता का बेटा है. विपक्षी दलों ने इस हत्याकांड पर बीजेपी की खूब आलोचना की थी।