जानिए इस बार चुनाव में नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ वही कर दिए, जो बीजेपी उनके साथ कर चुकी है…

क्या नीतीश कुमार की जेडीयू और बीजेपी के बीच रिश्ते खराब हो गए हैं? क्या नीतीश कुमार फिर से एनडीए गठबंधन से अलग होंगे? क्या बिहार में तय वक्त से पहले विधानसभा के चुनाव होंगे? ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जो 30 मई, 2019 से उठने शुरू हो गए हैं।

 

बीजेपी

बता दें की इसकी वजह भी है। लेकिन वजह ये कि जब 2019 में लोकसभा के चुनाव हुए तो बीजेपी और जदयू ने मिलकर बिहार में चुनाव लड़ा हैं। 40 में से 39 सीटें जीतीं और जब मंत्री बनने की बारी आई तो जदयू मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुई हैं।

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जदयू की ओर से कहा गया कि बीजेपी उन्हें सिर्फ एक मंत्री पद दे रही थी, जो किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं हैं. इसलिए जदयू एनडीए गठबंधन के मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं होगी।

अब जब 2 जून, 2019 को नीतीश कुमार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, तो उन्होंने भी बीजेपी के साथ ऐसा ही किया. बिहार के मंत्रिमंडल में कुल 11 सीटें खाली थीं, जिसमें से एक सीट बीजेपी और एक सीट लोजपा कोटे की भी शामिल थी।

जहां नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल का विस्तार तो किया, लेकिन उन्होंने न तो बीजेपी से किसी को मंत्री बनाया और न ही लोजपा से किसी को मंत्रिमंडल में शामिल किया हैं।

देखा जाये तो इसके बाद दोनों दलों के बीच की बढ़ रही तल्खी को साफ तौर पर देखा जा सकता है. हालांकि उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि नीतीश कुमार ने उनसे खाली जगह को भरने को कहा था, लेकिन बीजेपी अभी अपने कोटे से किसी को मंत्री नहीं बनाएगी।

दरअसल बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं. इस लिहाज से बिहार में कुल 36 मंत्री बन सकते हैं. महागठबंधन से अलग होकर नीतीश कुमार एनडीए में शामिल हो गए थे और 29 जुलाई, 2017 को अपनी सरकार बनाई थी। जहां उस वक्त नीतीश ने जदयू से 15, बीजेपी 13 और लोजपा से एक मंत्री बनाए थे।

लेकिन इस तरह कुल 29 मंत्रियों के साथ नीतीश कुमार ने शपथ ली थी. इसके बाद नीतीश कुमार की एक मंत्री मंजू वर्मा का नाम मुजफ्फरनर कांड में आ गया, जिसके बाद मई, 2018 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद बिहार सरकार में कुल 28 मंत्री बचे हैं। लोकसभा के चुनाव हुए तो जदयू के दो मंत्री ललन सिंह और दिनेश चंद्र यादव सांसद बन गए। इसके अलावा लोजपा के एक मंत्री पशुपति कुमार पारस भी सांसद बन गए. मंत्रिमंडल में तीन सीटें खाली हो गईं और संख्या रह गई 25. मंत्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए नीतीश कुमार ने 2 जून, 2019 को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया हैं।

नए आठ मंत्रियों को शपथ दिलवाई गई, लेकिन इस लिस्ट में न तो कोई बीजेपी का था और न ही लोजपा का. नीतीश कुमार ने सभी आठ मंत्री अपनी ही पार्टी से बनाए हैं।

कौन-कौन बना है मंत्री –

जेडीयू की ओर से अशोक चौधरी, श्‍याम रजक, बीमा भारती, नरेंद्र नारायण यादव, संजय झा, रामसेवक सिंह, लक्ष्‍मेश्‍वर राय और नीरज कुमार को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है ।

1. अशोक चौधरी : दलित समुदाय से आने वाले अशोक चौधरी बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं. जब महागठबंधन की सरकार बनी थी, तो उन्हें शिक्षा मंत्री बनाया गया था। वहीं बाद में इस्तीफा देकर वो जेडीयू में शामिल हो गए. जेडीयू ने उन्हें विधानपरिषद में भेजा और फिर मंत्री बना दिया हैं।

2. नीरज कुमार : भूमिहार समुदाय से आने वाले नीरज कुमार जेडीयू के प्रवक्ता हैं. वो बिहार विधानपरिषद के सदस्य हैं, जिन्हें नए मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।

3. लक्ष्मेश्वर राम:अति पिछड़ा समुदाय से आने वाले लक्ष्मेश्वर राय जेडीयू के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हैं। लेकिन   बिहार के मधुबनी के लौकहा सीट से विधायक हैं. 2015 में पहली बार विधायक बने थे।

4. श्याम रजक : दलित समुदाय से आने वाले श्याम रजक नीतीश सरकार में पहले भी मंत्री रह चुके हैं। जहां राजधानी पटना की फुलवारी शरीफ से विधायक हैं । पहले आरजेडी में रह चुके हैं. 2009 में जेडीयू में शामिल हुए थे।

 

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